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मध्य प्रदेश: टीकमगढ़ में सार्वजनिक कुएं से पानी भरने पर पंचायत ने किया दलित परिवार का हुक्का-पानी बंद

दलित परिवार ने बताया कि परिवार की महिलाओं द्वारा सार्वजनिक कुएं से पानी भरने से गांव के लोग नाराज हैं। यही वजह है कि पंचायत बुलाकर गांव के लोगों ने उनके परिवार का हुक्का-पानी बंद करवा दिया।

फोटो: आईएएनएस
फोटो: आईएएनएस टीकमगढ़ में पंचायत ने दलित परिवार का हुक्का-पानी किया बंद 

देश में डिजिटल इंडिया और न्यू इंडिया का राग अलापा जा रहा है, लेकिन बुंदेलखंड अब भी बैलगाड़ी युग में जी रहा है। इसका ताजा उदाहरण मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ जिले में सामने आया है, जहां दलित परिवार का हुक्का-पानी सिर्फ इसलिए बंद कर दिया गया, क्योंकि परिवार ने उस कुएं से पानी भरने की जुर्रत की, जहां से अन्य वर्ग की महिलाएं पानी भरती थीं। अब तो इस परिवार को गांव तक छोड़ना पड़ा है।

यह मामला टीकमगढ़ जिले के खरगापुर थाना क्षेत्र के सरकनपुर गांव का है, जहां दलित मुन्ना लाल वंशकार का परिवार रहता है। मुन्ना लाल के मुताबिक, उनके गांव में पानी का संकट है, लिहाजा उनके परिवार की महिलाएं उस कुएं पर पानी भरने चली गईं, जहां से अन्य वर्ग की महिलाएं पानी भरती हैं।

मुन्ना लाल ने आगे बताया कि दलित महिलाओं के पानी भरने पर गांव के लोग नाराज हो गए और पंचायत बुलाकर उनका हुक्का-पानी बंद करवा दिया। गांव की दुकानों से सामान नहीं खरीद सकते, कोई बात नहीं करता, चक्की वाला आटा नहीं पीसता। पंचायत ने फैसला लेकर 2 साल के लिए गांव से बाहर कर दिया।

परिवार के अन्य सदस्य नाथूराम वंशकार का कहना है, “गांव के लोग छुआछूत मानते हैं, जिसके कारण हमें 2 साल के लिए गांव से बाहर कर दिया गया है। गांव में खाने को कुछ मिल नहीं रहा, पानी भरने की मनाही है। हम पुलिस के पास गए, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।” पीड़ित परिवार का कहना है कि उसने मामले की शिकायत पुलिस अधीक्षक कार्यालय से भी की।

वहीं, पुलिस अधीक्षक कार्यालय के जांच अधिकारी फूल सिंह परिहार का कहना है, “गांव से मारपीट की शिकायत आई थी। पंचायत या गांव से बाहर करने का कोई मामला नहीं है।”

लेकिन हकीकत यह है कि पीड़ित वंशकार परिवार के 23 सदस्य गांव नहीं जा पा रहे हैं, उनके घरों में ताले लटके हुए हैं।

बुंदेलखंड के दलित परिवार की यह कहानी साफ बताती है कि देश चाहे जहां पहुंच रहा हो, नारे कुछ भी बनाए जाएं, मगर जमीनी हकीकत कब बदलेगी, किसी को नहीं पता।

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टीकमगढ़ में छुआछूत का यह कोई पहला मामला नही है। इससे पहले 25 जून को टीकमगढ़ में ही सरपंच के घर के सामने से दलित युवक द्वारा मोटरसाइकिल से गुजरने पर उसकी पिटाई कर दी गई थी। यही नहीं दलित युवक को जाति-सूचक गालियां भी दी गई थी। साथ ही यह धमकी भी दी गई थी कि अगर अगली बार वह वहां से मोटरसाइकिल से गुजरा तो उसे जान से मार दिया जाएगा। हालांकि बाद में इस मामले में पुलिस ने 4 लोगों को गिरफ्तार किया था।

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(आईएएनएस के इनपुट के साथ)

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