पाकिस्तान की रिफाइनरियों ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार आयातित कच्चे माल और सेक्टर के लिए जरूरी चीजों के भुगतान के मुद्दों को हल करने में विफल रहती है, तो फरवरी के मध्य तक देश में पेट्रोल संकट गहरा जाएगा। द न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, रिफाइनरियों ने समझाया कि कच्चे माल और दूसरी चीजों के भुगतान में देरी के साथ-साथ डॉलर की कमी ने बड़े पैमाने पर पेट्रोल के उत्पादन में बाधा पैदा की है।
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स्थानीय रिफाइनरियों ने अलग-अलग पत्रों में पेट्रोलियम मंत्री मुसादिक मलिक और स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (एसबीपी) के गवर्नर जमील अहमद को ये चेतावनी दी है। रिफाइनरियों ने कहा कि अगर तत्काल कदम उठाए नहीं किए गए तो मध्य फरवरी तक स्थिति बेहद गंभीर हो जाएगी।
द न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, ये पत्र पाकिस्तान रिफाइनरी लिमिटेड, नेशनल रिफाइनरी, ऑटक रिफाइनरी और कनेरगयिक रिफाइनरी द्वारा संयुक्त रूप से लिखे गए हैं। कच्चे माल के भुगतान और रिफाइनरियों द्वारा आवश्यक अन्य इनपुट के लिए साख पत्र (एलसी) स्थापित करने में कठिनाइयों को संकट के प्रमुख कारण के रूप में बताया गया है।
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वहीं तेल की कीमतें बढ़ने की उम्मीद में कथित जमाखोरी के बाद पाकिस्तान के पंजाब में पहले से ही पेट्रोल की भारी कमी हो गई है। पत्र के अनुसार, एसबीपी ने महत्वपूर्ण उद्योगों के विदेशी प्रेषण (भेजी हुई रकम) के लिए आवश्यक आयात की प्राथमिकता सूची जारी की है और उसमें पेट्रोलियम उत्पादों को शामिल किया गया है।
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द न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, रिफाइनरियों ने आगाह किया कि इस तरह के आवश्यक कच्चे माल/एडिटिव्स के आयात के लिए विदेशी भुगतान में देरी या निलंबन, इसके लिए क्रेडिट पत्र स्थापित करने से रिफाइनरियों के संचालन, विशेष रूप से मोगा (पेट्रोल) के स्थानीय उत्पादन में गंभीर बाधा आएगी। वहीं देश के विभिन्न हिस्सों में सामने आ रही कमी को ध्यान में रखते हुए, पाकिस्तान पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन ने पेट्रोलियम और प्राकृतिक संसाधन मंत्रालय से इस कमी के कारणों का पता लगाने के लिए तुरंत एक समिति बनाने को कहा है।
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