पाकिस्तान, पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) में चीन की मदद से जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइल की साइट स्थापित कर रहा है। इस मामले की जानकारी रखने वाले अधिकारियों ने नाम न छापने की शर्त पर यह जानकारी साझा की है। चीन और पाकिस्तान की सेनाएं इस सैन्य ढांचे को स्थापित करने के लिए विवादित भारत-पाकिस्तान सीमा के पास क्षेत्र तलाश रही हैं।
भारतीय वायु सेना के प्रमुख एयर चीफ मार्शल आर के भदौरिया ने सोमवार को कहा था कि पाकिस्तान और चीन ने हाल के दिनों में अपने द्विपक्षीय अभ्यास बढ़ाए हैं। दिल्ली में एक वार्षिक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सोमवार को उन्होंने कहा कि भारत इस पर करीबी नजर रख रहा है।
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भारतीय सेना ने एक साथ दो मोर्चे की लड़ाई के खतरे को लंबे समय तक झेला है। विवादित सीमाओं पर एक ही समय में सक्रिय रहे चीन और पाकिस्तान से निपटने के लिए भारत ने अपने सशस्त्र बलों को अधिकतम क्षमता तक उपयोग किया है। एक शीर्ष अधिकारी ने कहा, "चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) की टुकड़ियों को पाकिस्तान के 12 इंफेन्ट्री ब्रिगेड के साथ पीओके के देओलियन और जुरा के आगे के क्षेत्रों में साथ-साथ टोह लेते देखा गया था।"
अधिकारी ने बताया कि सतह से हवा में मार करने वाले मिसाइल डिफेंस सिस्टम की स्थापना के लिए पीओके में लसाडना ढोक के पास पाउली पीर में निर्माण कार्य चल रहा है। यह निर्माण पाकिस्तान सेना और पीएलए द्वारा किया जा रहा है।
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सूत्र ने कहा कि इस सिस्टम का कंट्रोल रूम पीओके के मुख्यालय में स्थित होगा। सूत्र ने कहा, "पाकिस्तान की सेना के करीब 120 जवान और 25 से 40 नागरिक निर्माण स्थल पर काम कर रहे हैं। वहीं कंट्रोल रूम में 3 अधिकारियों सहित पीएलए के 10 सैनिकों को कंट्रोल रूम में तैनात किया जाएगा।" सूत्र ने यह भी कहा, "चिनार गांव और पीओके के हटियन बाला जिले के चकोठी गांव में भी इसी तरह का निर्माण किए जाने की सूचना मिली है।"
वहीं जगलोट से गौरी कोट तक चीन के इंजीनियरों द्वारा एक सड़क का निर्माण किया जा रहा है और इसे गुलेरी तक बढ़ाए जाने की संभावना है। जगलोट के सामान्य क्षेत्रों में पीएलए सैनिकों को एफसीएनए की इंफेन्ट्री ब्रिगेड के 80 सैनिकों के साथ देखा गया था।
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