फिल्म पद्मावत पर सुप्रीम कोर्ट की हरी झंडी के बावजूद इसके विरोध में कई राज्य सरकारें कानूनी लड़ाई के मूड में हैं। मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह फिल्म ‘पद्मावत’ के खिलाफ कानूनी सलाह ले रहे हैं। इसके अलावा राजस्थान की वसुंधरा सरकार ने गृह और कानून मंत्रालय के अधिकारियों की एक टीम बनाई है, जो सुप्रीम कोर्ट के फैसले को चुनौती देने के विकल्पों पर विचार कर रही है।
राज्य के कानून मंत्री राजेंद्र राठौड़ ने बताया कि अधिकारियों की टीम अध्ययन कर रही है, जिसके बाद चुनौती के विकल्पों पर विचार होगा।
सुप्रीम कोर्ट में फिल्म ‘पद्मावत’ की ओर से केस लड़ने वाले वकील हरीश साल्वे ने कहा कि उन्हें जान से मारनी की धमकी मिल रही है। हरीश साल्वे ने कहा कि उनके ऑफिस में फोन पर लगातार धमकियां दी जा रही है। दिल्ली पुलिस ने अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है। करणी सेना के प्रमुख लोकेंद्र सिंह कल्वी ने सफाई देते हुए बयान जारी किया है कि हर बात को लेकर उनके लोगों को जिम्मेदार ठहराना ठीक नही हैं।
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दूसरी ओर 19 जनवरी को करणी सेना ने सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष प्रसून जोशी को जयपुर साहित्य उत्सव के दौरान नहीं आने की धमकी दी है। करणी सेना ने धमकी दी है कि अगर वह जयपुर आए तो बुरी तरह पीटे जाएंगे। करणी सेना के अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेदी ने एक वीडियो संदेश के माध्यम से कहा कि फिल्म को रिलीज करने वालों और फिल्म के समर्थन में कुछ भी बोलने वालों को जयपुर में प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा।
संजय लीला भंसाली की फिल्म ‘पद्मावत’ को राहत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि 4 राज्यों में फिल्म पर लगाया गया बैन असंवैधानिक है। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया की बेंच ने कहा है कि राज्यों में कानून व्यवस्था बनाना राज्यों की जिम्मेदारी है। यह राज्यों का संवैधानिक दायित्व है।
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