पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने बुधवार को उन खबरों पर पर चिंता जताई है, जिसमें कहा जा रहा है कि केंद्र ने आरबीआई एक्ट की धारा 7 का इस्तेमाल कर केंद्रीय बैंक को निर्देश जारी किए हैं। चिदंबरम ने कहा कि यह दिखाता है कि सरकार हताश है और अर्थव्यवस्था से जुड़े तथ्यों को छिपा रही है।
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उन्होंने एक के बाद एक ट्वीट कर कहा, “अगर सरकार ने आरबीआई एक्ट की धारा 7 का इस्तेमाल कर आरबीआई को अप्रत्याशित निर्देश दिए हैं तो मुझे डर है कि आज और बुरी खबरें आएंगी।” उन्होंने कहा, “कांग्रेस सरकार ने 1991, 1997, 2008, 2013 में धारा 7 का इस्तेमाल नहीं किया था। अब इस प्रावधान के इस्तेमाल करने की जरूरत क्या है? यह दिखाता है कि सरकार अर्थव्यवस्था के बारे में तथ्यों को छिपा रही है और यह हताशाभरा है।”
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आरबीआई अधिनियम 1934 की धारा 7 सरकार को जनहित के मुद्दों पर बैंक के गर्वनर के साथ परामर्श के बाद आरबीआई को निर्देश जारी करने की अनुमति देती है।
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पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए सरकार पर देश के सभी संस्थानों को बर्बाद करने का आरोप लगाया। उन्होंने ने भी ट्वीट कर कहा, “सीबीआई के बाद अब आरबीआई की बारी है। सरकार देश के सभी संस्थानों को तबाह करने पर तुली हुई है। अब सही समय है कि लोग इन संस्थानों पर हो रहे सर्जिकल स्ट्राइक के खिलाफ खड़े हों।” यशवंत सिन्हा ने आगे कहा, “अगर वास्तव में सरकार ने आरबीआई को निर्देश जारी किए हैं तो इसके गर्वनर को तत्काल इस्तीफा देना चाहिए।”
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