पूर्व केंद्रीय वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से एनडीए सरकार के दौरान दिए गए उन कर्जो का खुलासा करने की मांग की, जो गैर-निष्पादित संपत्ति (एनपीए) में तब्दील हो चुके हैं। पूर्व वित्तमंत्री ने मोदी द्वारा यूपीए सरकार के दौरान एनपीए सृजित होने को लेकर दिए गए बयान के लिए उनकी आलोचना की।
चिदंबरम ने कहा, “सही परीक्षण यह है कि क्या एनडीए-2, यूपीए-2 और यूपीए-1 की सरकार के रिकॉर्ड की तुलना कर सकता है। हम मान लें कि प्रधानमंत्री जो कहते हैं कि यूपीएके कार्यकाल में कर्ज फंस गया। एनडीए में कितने कर्जो का नवीकरण किया गया या समझौता किया गया, जोकि सदाबहार बना हुआ है।"
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कांग्रेस नेता ने आगे कहा, “उन कर्जो को क्यों नहीं लौटाया गया? वे कर्ज क्यों सदाबहार बने हुए हैं? मई 2014 के बाद दिए गए कितने कर्ज और कर्ज की कितनी रकम एनपीए में तब्दील हो गई है? संसद में सवाल किए गए, लेकिन अबतक उसका कोई जवाब नहीं है।”
उन्होंने ने प्रधान आर्थिक सलाहकार संजीव सान्याल को इस बात के लिए धन्यवाद दिया कि उन्होंने कहा कि पहली तिमाही में जीडीपी विकास दर 8.2 फीसदी मुख्य रूप से निम्न आधार प्रभाव (5.6) के कारण रही।
उन्होंने सान्याल से कहा, “आपको इस बात से सहमत होने के लिए भी धन्यवाद कि आगे आधार प्रभाव उतना अनुकूल नहीं रहेगा और आर्थिक विकास दर सुस्त पड़ जाएगी। मैं इस बात को दोहराता हूं कि मैं आर्थिक विकास दर तेज होने से खुश हूं, लेकिन इसको लेकर कीर्तिगान करना काफी जल्दबाजी होगी।”
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