जम्मू-कश्मीर में 'बाहरी' लोगों को निशाना बनाने की एक और घटना सामने आई है। बडगाम जिले में शुक्रवार को आतंकवादियों ने मजदूरों को गोली मारकर घायल कर दिया। अधिकारियों ने बताया कि आतंकवादी हमला बडगाम के मगाम इलाके के मजहामा गांव में हुआ।
Published: undefined
एक अधिकारी ने बताया, "उत्तर प्रदेश के रहने वाले संजय और उस्मान नाम के दो गैर-स्थानीय लोगों को मगाम इलाके के मजहामा गांव में आतंकवादियों ने गोली मारकर घायल कर दिया। उन्हें पास के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां डॉक्टरों ने उनकी हालत स्थिर बताई है। दोनों जल शक्ति परियोजना पर काम कर रहे थे।"
Published: undefined
उन्होंने बताया कि जिम्मेदार आतंकवादियों को पकड़ने के लिए इलाके को सुरक्षाकर्मियों ने घेर लिया है।
इससे पहले 20 अक्टूबर को गांदरबल जिले के गगनगीर क्षेत्र में दो आतंकवादियों ने श्रमिकों के शिविर पर अंधाधुंध गोलीबारी की थी। इसमें एक विदेशी और दूसरा कुलगाम जिले का स्थानीय आतंकवादी था। घटना में छह गैर-स्थानीय श्रमिकों और एक स्थानीय डॉक्टर सहित सात लोगों की मौत हो गई थी। वे एक बुनियादी ढांचा कंपनी के लिए काम कर रहे थे। चार अन्य घायल हो गए थे।
इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी श्रीनगर-सोनमर्ग रोड को हर मौसम में चालू रखने के लिए गगनगीर से सोनमर्ग टूरिस्ट रिसॉर्ट तक सुरंग बना रही है।
Published: undefined
यह सुरंग सोनमर्ग को साल भर घाटी के बाकी हिस्सों से जोड़े रखेगी, जिससे स्थानीय लोगों के लिए रोजगार पैदा होगा और स्थानीय अर्थव्यवस्था को मदद मिलेगी।
आतंकवादियों ने 25 अक्टूबर को बारामूला जिले के गुलमर्ग के बूटा पाथरी इलाके में सेना के एक वाहन पर गोलीबारी की, जिसमें तीन सैनिक और सेना के लिए काम करने वाले दो स्थानीय पोर्टरों की मौत हो गई।
अधिकारियों ने बताया कि यह हमला आतंकवादियों के एक समूह द्वारा किया गया था, जो इस वर्ष अगस्त में घुसपैठ कर सीमा पार से आए थे और पाकिस्तान में बैठे अपने आकाओं द्वारा हमला करने का आदेश दिये जाने तक ऊंचाई वाले इलाकों में छिपे हुए थे।
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि सेना और सुरक्षा बलों ने आतंकवादी खतरे से निपटने के लिए अपनी रणनीति में बदलाव किया है।
सिन्हा ने यह भी कहा कि आतंकवादियों द्वारा बहाये गए निर्दोष लोगों के खून की एक-एक बूंद का बदला लिया जाएगा।
आईएएनएस के इनपुट के साथ
Published: undefined