अडानी समूह के खिलाफ अमेरिकी अभियोजकों के रिश्वतखोरी के आरोपों के मुद्दे पर चर्चा की मांग को लेकर विपक्षी सदस्यों के हंगामे के चलते सोमवार को राज्यसभा की कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई। संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन राज्यसभा की बैठक आरंभ होने पर सदन ने दिवंगत सदस्यों को श्रद्धांजलि दी। इसके बाद सभापति जगदीप धनखड़ ने बताया कि नियम 267 के तहत उन्हें कुल 13 नोटिस मिले हैं।
विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के जॉन ब्रिटास, कांग्रेस के नीरज डांगी, प्रमोद तिवारी और अखिलेश प्रसाद सिंह और आम आदमी पार्टी के संजय सिंह सहित कुछ अन्य सदस्यों ने अडानी समूह के खिलाफ अमेरिकी अभियोजकों के रिश्वतखोरी के आरोपों पर संसद में चर्चा की मांग को लेकर नोटिस दिए थे।
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आम आदमी पार्टी के राघव चड्ढा सहित विपक्ष के कुछ अन्य सदस्यों ने मणिपुर हिंसा और उत्तर प्रदेश के संभल में हुई हिंसा के मुद्दे पर नोटिस दिए थे। सभापति धनखड़ ने इन सभी नोटिस को अस्वीकार कर दिया और खड़गे को अपनी बात रखने का मौका दिया। खड़गे ने कहा कि अडानीसमूह के खिलाफ लगाए गए आरोप गंभीर है। उन्होंने कहा कि यदि सूचीबद्ध कामकाज को निलंबित कर दिया जाता है तो विपक्षी सदस्य बता सकते हैं कि यह ‘बहुत महत्वपूर्ण’ मुद्दा पूरे देश को कैसे प्रभावित कर रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि वैश्विक स्तर पर देश की छवि खराब हुई और फिर भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अडानीका समर्थन कर रहे हैं।
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हालांकि, इससे पहले खड़रगे कुछ और बोल पाते, सभापति ने कहा कि वह इस मुद्दे पर उनके नोटिस को अस्वीकार कर चुके हैं इसलिए वह इसे उठा नहीं सकते। इसके बाद कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों के सदस्य अपने स्थान पर खड़े हो गए और आसन से खरगे को बोलने देने की मांग करते रहे। सभापति ने सदस्यों से सदन के सुचारू संचालन की अपील की। हालांकि जब हंगामा जारी रहा तो उन्होंने 11 बजकर 30 बजे सदन की कार्यवाही 11 बजकर 45 मिनट तक के लिए स्थगित कर दी। सदन की बैठक दोबारा आरंभ होने पर सभापति ने सदस्यों से सदन को सुचारू रूप से चलने देने का आग्रह किया। कुछ देर बाद उन्होंने सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी।
विपक्षी दलों ने मांग की है कि गौतम अडानी को गिरफ्तार किया जाए और उनके खिलाफ जांच शुरू की जाए। विपक्ष ने अडानी समूह के खिलाफ आरोपों पर चर्चा के लिए एक संयुक्त संसदीय समिति के गठन की भी मांग की है। अडानी समूह ने सभी आरोपों को खारिज किया है।
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