संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन सदन में भारी हंगामा देखने को मिला, लोकसभा के साथ साथ राज्यभा में भी अडाणी समूह से जुड़े मामले और संभल हिंसा मामले को लेकर विपक्ष ने चर्चा की मांग की, इसी दौरान हंगामा भी हो गया, जिसके बाद कुछ देर के लिए सदन की कार्यवाही को स्थगित कर दिया गया, कार्यवाही दोबारा शुरू होने के बाद विपक्ष अपनी मांग पर अड़ा रहा, दोबारा हंगामें के बाद सदन की कार्यवाही को पूरे दिन के लिए स्थगित करना पड़ा।
सोमवार को लोकसभा की बैठक एक बार के स्थगन के बाद पुन: शुरू होने के एक मिनट के अंदर दिनभर के लिए स्थगित कर दी गयी और प्रश्नकाल समेत कोई विधायी कामकाज नहीं हुआ। निचले सदन की बैठक शुरू होने पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने वर्तमान लोकसभा के सदस्य रहे वसंत राव चव्हाण और नूरुल इस्लाम तथा पूर्व सदस्यों एम एम लॉरेंस, एम पार्वती एवं हरीश चंद्र देवराव चव्हाण के निधन के बारे में सदन को सूचित किया। सभा ने कुछ क्षण मौन रखकर दिवंगत सांसदों और पूर्व सदस्यों को श्रद्धांजलि दी।
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इसके बाद कुछ विपक्षी सदस्य एक उद्योगपति से जुड़े मामले और उत्तर प्रदेश के संभल में रविवार को हुई हिंसा के मुद्दे को उठाने का प्रयास करते सुने गए और हंगामे के बीच बिरला ने करीब 11 बजकर पांच मिनट पर सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। बैठक शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जब सदन में पहुंचे तो केंद्रीय मंत्रियों समेत सत्तापक्ष के सदस्य अपने स्थान पर खड़े हो गए और उन्होंने ‘मोदी-मोदी’ के नारे लगाए।
दोपहर 12 बजे सदन की बैठक पुन: शुरू होते ही समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद धर्मेंद्र यादव और कुछ अन्य पार्टी सदस्य संभल हिंसा का मुद्दा उठाने का प्रयास करते देखे गए। इस दौरान विपक्ष की अग्रिम पंक्ति में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव भी खड़े थे। अन्य विपक्षी दलों के सदस्य भी विभिन्न मुद्दे उठाने का प्रयास कर रहे थे। पीठासीन सभापति संध्या राय ने हंगामा कर रहे विपक्षी सदस्यों से सदन की कार्यवाही चलने देने का आग्रह किया। शोर-शराबा जारी रहने पर उन्होंने सदन की बैठक एक मिनट के अंदर ही दिनभर के स्थगित कर दी। मंगलवार को संविधान दिवस (26 नवंबर) के उपलक्ष्य में लोकसभा की बैठक नहीं होगी। निचले सदन की अगली बैठक अब बुधवार पूर्वाह्न 11 बजे शुरू होगी।
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वहीं अडानी समूह के खिलाफ अमेरिकी अभियोजकों के रिश्वतखोरी के आरोपों के मुद्दे पर चर्चा की मांग को लेकर विपक्षी सदस्यों के हंगामे के चलते सोमवार को राज्यसभा की कार्यवाही भी एक बार के स्थगन के बाद दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई। संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन राज्यसभा की बैठक आरंभ होने पर सदन ने दिवंगत सदस्यों को श्रद्धांजलि दी।
इसके बाद सभापति जगदीप धनखड़ ने बताया कि नियम 267 के तहत उन्हें कुल 13 नोटिस मिले हैं। विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के जॉन ब्रिटास, कांग्रेस के नीरज डांगी, प्रमोद तिवारी और अखिलेश प्रसाद सिंह और आम आदमी पार्टी के संजय सिंह सहित कुछ अन्य सदस्यों ने अडानी समूह के खिलाफ अमेरिकी अभियोजकों के रिश्वतखोरी के आरोपों पर संसद में चर्चा की मांग को लेकर नोटिस दिए थे।
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आम आदमी पार्टी के राघव चड्ढा सहित विपक्ष के कुछ अन्य सदस्यों ने मणिपुर हिंसा और उत्तर प्रदेश के संभल में हुई हिंसा के मुद्दे पर नोटिस दिए थे। सभापति धनखड़ ने इन सभी नोटिस को अस्वीकार कर दिया और खड़गे को अपनी बात रखने का मौका दिया। खड़गे ने कहा कि अडानीसमूह के खिलाफ लगाए गए आरोप गंभीर है। उन्होंने कहा कि यदि सूचीबद्ध कामकाज को निलंबित कर दिया जाता है तो विपक्षी सदस्य बता सकते हैं कि यह ‘बहुत महत्वपूर्ण’ मुद्दा पूरे देश को कैसे प्रभावित कर रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि वैश्विक स्तर पर देश की छवि खराब हुई और फिर भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अडानीका समर्थन कर रहे हैं।
हालांकि, इससे पहले खड़गे कुछ और बोल पाते, सभापति ने कहा कि वह इस मुद्दे पर उनके नोटिस को अस्वीकार कर चुके हैं इसलिए वह इसे उठा नहीं सकते। इसके बाद कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों के सदस्य अपने स्थान पर खड़े हो गए और आसन से खड़गे को बोलने देने की मांग करते रहे। सभापति ने सदस्यों से सदन के सुचारू संचालन की अपील की। हालांकि जब हंगामा जारी रहा तो उन्होंने 11 बजकर 30 बजे सदन की कार्यवाही 11 बजकर 45 मिनट तक के लिए स्थगित कर दी। सदन की बैठक दोबारा आरंभ होने पर सभापति ने सदस्यों से सदन को सुचारू रूप से चलने देने का आग्रह किया। कुछ देर बाद उन्होंने सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी।
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विपक्षी दलों ने मांग की है कि गौतम अडानी को गिरफ्तार किया जाए और उनके खिलाफ जांच शुरू की जाए। विपक्ष ने अडानी समूह के खिलाफ आरोपों पर चर्चा के लिए एक संयुक्त संसदीय समिति के गठन की भी मांग की है। संसद की कार्यवाही स्थगित होने पर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने भी ट्वीट किया उन्होंने X पर पोस्ट कर कहा कि INDIA की पार्टियों ने आज लोकसभा और राज्यसभा में मोदानी मुद्दे को ज़ोरदार ढंग से उठाया - इस पूरे मामले की जांच के लिए JPC की मांग की। हाल ही में अडानी ग्रुप द्वारा रिश्वत देने और भारतीय और अमेरिकी नियामकों से जानकारी छिपाने के आरोपों की वजह से यह मामला और गंभीर हो गया है। दोनों सदन दिन भर के लिए स्थगित हो गए हैं।
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