कांग्रेस समेत समूचे विपक्ष ने बुधवार को एक बार फिर लोकसभा में सरकार को तेल और रसोई गैस कीमतों और कृषि कानूनों पर घेरा। विपक्ष की मांग थी कि सरकार बढ़े हुई तेल कीमतों और रसोई गैस के बढ़े हुए दामों को काबू करे और उन्हें वापस लेकर लोगों को राहत दे। साथ ही विपक्ष केंद्र सरकार के तीनों विवादित कृषि कानूनों की संपूर्ण वापसी की मांग कर रहा था। इसके चलते बुधवार को कई बार लोकसभा की कार्यवाही में व्यवधान पड़ा और दो बार कार्यवाही को स्थगित करना पड़ा। आखिरकार विपक्ष के हंगामे के चलते कार्यवाही को सोमवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्धगित कर दिया गयाय़
तृणमूल, डीएमके, जम्मू और कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस, एनसीपी और आरएसपी समेत अन्य विपक्षी दल के सदस्यों ने कांग्रेस के नेतृत्व में सदन में बुधवार को सुबह 11 बजे कार्यवाही शुरु होते ही तीन विवादास्पद कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर सरकार के खिलाफ एकजुट होकर नारेबाजी की। इसकी वजह से सदन को पहली बार दोपहर 12.30 बजे और दूसरी बार अपराह्न् 2.30 बजे स्थगित कर दिया गया।
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इस बीच, सदन में प्रश्नकाल के दौरान कुछ सवालों को उठाया गया और राष्ट्रीय राजधानी कानून (विशेष प्रावधान) द्वितीय (संशोधन) विधेयक 2021 पारित कर दिया गया। इसके साथ ही रक्षा मंत्रालय से संबंधित कागजात, विदेशी मामले, कोयला और खनन, परमाणु ऊर्जा, कार्मिक, सार्वजनिक शिकायत और पेंशन, वाणिज्य और उद्योग से संबंधित मामले पेश किए गए और सूचना, और पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस पर स्थाई समिति की रिपोर्ट को हंगामे के बीच पेश किया गया।
बीजेपी सांसद मीनाक्षी लेखी ने चेयर पर रहते हुए सदन के अंतिम स्थगन की घोषणा की। उन्होंने बीजेपी सांसद राम कृपाल यादव को रेलवे से संबंधित विषय पर उनके भाषण को बीच में ही रोक दिया और घोषणा की कि सदन को अगली बैठक 15 मार्च (सोमवार) सुबह 11 बजे होगी।
सदन में इससे पहले सोमवार और मंगलवार को भी विपक्ष ने एलपीजी सिलेंडर और पेट्रोलियम उत्पादों के मूल्य वृद्धि को लेकर हंगामा किया था और इन आवश्यक वस्तुओं की दरों को नियंत्रित करने में असफल होने पर सरकार के खिलाफ नारे लगाए।
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