झारखंड सरकार के भूमि अधिग्रहण बिल के विरोध में विपक्ष लामबंद हो गए हैं। विपक्षी पार्टियों ने इस बिल के खिलाफ पूरे राज्य में बंद बुलाया है। झारखंड मुक्ति मोर्चा के इस बंद को कांग्रेस, जेवीएम, आरजेडी और वाम दलों ने समर्थन दिया है। रांची समेत कई शहरों में बंद का असर देखा जा रहा है। इनमें जमशेदपुर, धनबाद, गिरिडीह, बोकारो, रामगढ़, चतरा, पाकुड़ और अन्य इलाके शामिल हैं। बंद के समर्थकों ने यहां के सभी मुख्य मार्गों और रेलवे स्टेशनों पर जाम लगा दिया है। इस बीच विरोध प्रदर्शन को देखते हुए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं।
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झारखंड बंद के दौरान धनबाद में व्यवस्था सामान्य दिनों की तरह बनी हुई है। हिंसा की कोई सूचना नहीं है। हालांकि ऐहतियातन 500 से ज्यादा लोग हिरासत में लिए गए हैं। इसके साथ ही रामगढ़ में भी 200 के करीब लोग हिरासत में लिए गए हैं। कोडरमा के तिलैया में अब तक 28 बंद समर्थकों को हिरासत में लिया जा चुका है। यहां पर बंद का व्यापक असर दिखाई दे रहा है।
विपक्षी पार्टियां जमीन अधिग्रहण बिल, 2013 में संशोधन करने पर रघुवर दास सरकार के फैसले का विरोध कर रही हैं। जमीन अधिग्रहण से पूर्व जमीन मालिकों की सहमति लेना जरूरी था। लेकिन राज्य सरकार ने संशोधन कर यह प्रावधान हटा दिया है।
पुलिस (डीसीपी) श्याम नंदन मंडल ने मीडिया को सुरक्षा व्यवस्था की जानकारी देते हुए बताया, 'बंद के दौरान शांतिपूर्ण प्रदर्शन की निश्चित रूप से इजाजत है। हालांकि अगर हमने किसी को कहीं भी हिंसा भड़काते हुए पाया, तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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बुधवार को झारखंड के गृह सचिव एसकेजी रहाटे और डीजीपी डीके पांडेय ने चेतावनी देते हुए कहा था कि बंद के दौरान हिंसा करने वालों के खिलाफ फास्ट ट्रैक कोर्ट में मुकदमा चलाया जाएगा। उन्होंने बताया था कि बंद को देखते हुए 5 हजार से ज्यादा सुरक्षाबलों को तैनात किया गया है।
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