लोकसभा में विपक्षी दलों के नेताओं ने बुधवार को नवनिर्वाचित अध्यक्ष ओम बिरला को बधाई दी और उम्मीद जताई कि वह विपक्ष को सदन में आवाज उठाने का पर्याप्त अवसर देंगे।
तृणमूल कांग्रेस के सांसद सुदीप बंदोपाध्याय ने भी बिरला को बधाई दी। उन्होंने कहा ‘‘मेरी यह धारणा बनी है कि आधिकारिक रूप से नेता प्रतिपक्ष नहीं होने पर सदन सही ढंग से नहीं चलता। हम खुश हैं कि देश को नेता प्रतिपक्ष मिल गया है।’’
उन्होंने बिरला से कहा, ‘‘आपकी नीयत अच्छी हो सकती है, लेकिन कभी कभी आपको सत्तापक्ष के दबाव के आगे झुकना पड़ जाता है... 146 सांसदों का निलंबन एक दिन में हुआ है।’’ बंदोपाध्याय ने कहा कि सत्तापक्ष को यह प्रयास करना होगा कि सदन सुचारू रूप से चले।
द्रविड़ मुनेत्र कषगम के टी आर बालू ने कहा, ‘‘मैं आपसे निष्पक्ष और निरपेक्ष रहने का अनुरोध करता हूं।’’
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शिवसेना (यूबीटी) के अरविंद सावंत ने उम्मीद जताई कि बिरला के इस कार्यकाल में उनकी (विपक्ष की) आवाज को संबल मिलेगा। उन्होंने कहा कि ऐसे प्रयास किये जाएं कि सदन चले, ताकि जनता को न्याय मिले।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) की सुप्रिया सुले ने कहा, ‘‘पिछले कार्यकाल में आपने हमेशा हम सबका ख्याल रखा, कोविड के दौरान भी हमेशा हर संसद का हालचाल पूछा। सभी का विभिन्न प्रकार से ख्याल रखने के लिए आपको और संसद के सभी कर्मचारियों को आभार।’’
उन्होंने कहा कि लेकिन जब 150 सदस्य निलंबित किये गये तो (उन्हें) बहुत दुख हुआ था। उन्होंने कहा, ‘‘अब आपसे आग्रह है कि निलंबन की कार्रवाई नहीं करेंगे। बातचीत से भी बात बन सकती है। संसद चलाना सत्तापक्ष की जिम्मेदारी होती है और नये (संसदीय कार्य) मंत्री से बहुत अपेक्षाएं हैं।’’
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि अध्यक्ष संविधान और संसद के संरक्षक होते हैं और उनसे गुजारिश है कि वह छोटी पार्टियों को भी ज्यादा मौका देंगे।
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ओवैसी ने कहा, ‘‘हकीकत यह है कि सरकार के पास संख्या है लेकिन जनादेश नहीं है। विपक्ष के पास जनादेश है। इसलिए छोटे दलों को मौका दिया जाए। मैं उस समुदाय से आता हूं जिसकी नुमाइंदगी इस सदन में केवल 4 प्रतिशत है। उन्हें मौका दिया जाए।’’
एआईएमआईएम सदस्य ने कहा कि सरकार को लोकसभा उपाध्यक्ष का निर्वाचन करके अध्यक्ष के काम के बोझ को कम करना चाहिए।
राष्ट्रीय जनता दल से पहली बार चुनकर आए अभय कुमार सिन्हा ने कहा, ‘‘आशा करता हूं कि नये सदस्यों को आपका संरक्षण मिलता रहेगा।।’’
इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के ईटी मोहम्मद बशीर ने बिरला से निष्पक्षता की अपेक्षा जताई, तो शिरोमणि अकाली दल की हरसिमरत कौर बादल ने छोटी पार्टियों को भी सदन में बात रखने के लिए पर्याप्त समय दिये जाने का अनुरोध किया।
रेवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी (आरएसपी) के एन के प्रेमचंद्रन ने उम्मीद जताई कि अध्यक्ष विपक्ष को संरक्षण देते रहेंगे और विपक्षी सदस्यों की वैध मांगों पर विचार करेंगे।
आजाद समाज पार्टी (कांशी राम) के नवनिर्वाचित सदस्य चंद्रशेखर ने कहा कि उनकी पार्टी और वह खुद सदन में नये हैं और उन्हें आशा है कि उन्हें वंचितों की आवाज उठाने का पर्याप्त मौका मिलेगा और अध्यक्ष का संरक्षण भी प्राप्त होगा।
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