विपक्ष ने केंद्रीय कानून मंत्री किरण रिजिजू पर निशाना साधा है। कुछ सेवानिवृत्त जजों को भारत विरोधी गैंग का हिस्सा बताए जाने पर विपक्षी नेताओं ने कहा है कि कानून मंत्री को किसी कानून विरोधी की तरह बातें करते हुए अन्याय का प्रचार नहीं करना चाहिए।
कांग्रेस महासचिव और पार्टी कम्यूनिकेशन इंचार्ज जयराम रमेश ने एक ट्वीट में कहा कि, “एक कानून मंत्री एक अपराधी की तरह बात कर हा है। न्याय का मंत्रा अन्याय का प्रचार कर रहा है। अगर यह अभिव्यक्ति की आजादी पर हमला नहीं है तो फिर क्या है?”
वहीं तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सांसद जौहर सरकार ने कहा कि, “ऐसा नहीं हो सकता कि कोई मंत्री इतनी बड़ी बात कह दे और बच जाए। सबूत दो, धमकी मत दो। क्या मतलब है इसका कि (जजों को) कीमत चुकानी पड़ेगी। आरएसएस ने तो आजादी के आंदोलन में हिस्सा लिया नहीं था, और हिंदू महासभा ने अंग्रेजों का साथ दिया था। हमें मत समझाओ कि क्या भारत विरोधी है और क्या भारत के पक्ष में..”
उधर सीपीएम नेता और केरल के वित्त मंत्री थॉमस आजैक ने कहा, “किरण रिजिजू कुछ भी बोल रहे हैं, अब उन्होंने जजों को धमकी दे दी है। वह कानून के मंत्री है या अन्याय के?”
राज्यसभा सांसद और वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने भी रिजिजू पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि, “सरकार में शामिल कुछ नेताओं को पता ही नहीं है कि वे क्या कह रहे हैं।”
इस मामले पर न्यूज एजेंसी से बातचीत में आप नेता सौरक्ष भारद्वाज ने भी कहा कि, “अब वे जजों को भी राष्ट्रविरोधी कह रहे हैं, यह शर्म की बात है। किरण रिजिजू को देश से माफी मांगनी चाहिए कि वे सुप्रीम कोर्ट के जजों को भारत विरोधी बता रहे हैं। उन्हें लक्ष्मण रेखा पार नहीं करनी चाहिए।”
शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) के नेता संजय राउत ने भी सवाल उठाया कि आखिर यह किस किस्म का लोकतंत्र है जहां कानून मंत्री ही न्यायपालिका को धमका रहा है। उन्होंने कहा, “क्या कानून मंत्री को ऐसी भाषा बोलना अच्छा लगता है। क्या यह उन जजों को धमकी है जो सरकार के आगे नहीं झुके। सरकार की आलोचना करना क्या राष्ट्रविरोधी हो गया है?”
वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने भी कहा कि एक ऐसा शख्स जो मुंसिफ नहीं बन सकता वह जजो को धमका रहा है। बता दें कि एक न्यूज चैनल के कार्यक्रम में किरण रिजिजू ने कहा था कि भारतीय न्यायपालिका को सरकार के खिलाफ भड़काने की कोशिशें हो रही हैं। उन्होंने कहा था कि, “हाल में एक सेमिनार में जजों की जिम्मेदारी पर चर्चा होने वाली थी। लेकिन वहां सिर्फ इस बात पर चर्चा हुई कि न्यायपालिका को सरकार किस तरह प्रभावित कर रही है। कुछ जज हैं जो एक्टिविस्ट बन गए हैं और एंटी इंडिया गैंग का हिस्सा हैं, वे न्यायपालिका को सरकार के खिलाफ विपक्षी पार्टियों की तरह बनाना चाहते हैं।”
किरण रिजिजू ने यह भी कहा था कि एक पूरा तंत्र ऐसा बन गया है जो मोदी और उनकी सरकार क खिलाफ काम कर रहा है, हम ऐसे टुकड़े-टुकड़े गैंग को देश की अखंडता और संप्रभुता से छेड़छाड़ नहीं करने देंगे। उन्होंने यह भी कहा था कि इस मामले में एजेंसियां अपना काम करेंगी और जो लोग देश के खिलाफ काम कर रहे हैं उन्हें कीमत चुकानी पड़ेगी।
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