अगर आप नए साल पर अपने परिवार के साथ मनसा देवी दर्शन की मंशा रखते हैं तो फिलहाल इसे टालना ही बेहतर होगा। क्योंकि मंदिर तक जाने वाला रोप वे का संचालन ठप हो गया है। रोप वे ठप होने के कारण साल के पहले ही दिन दर्शनार्थियों को पैदल चढ़ाई नाप कर मां के दरबार तक पहुंचना पड़ा। यहां जाने वाले बुजुर्गों और छोटे बच्चों के सबसे ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
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गौरतलब है कि हरिद्वार में मनसा देवी और चंडी देवी मंदिरों के सुलभ दर्शनों के लिए रोप वे का संचालन किया जाता है। मनसा देवी रोप वे की लीज सन् 1981 में 40 साल के लिए ऊषा ब्रेको लिमिटेड नाम की कंपनी को दी गई थी। इस तरह इसकी लीज अवधि 20 मई 2021 को खत्म हो चुकी थी। अब ऐसे में मनसा देवी रोपवे के रखरखाव और संचालन के लिए नए सिरे से टेंडर निकाले जाने चाहिए था। लेकिन लीज अवधि खत्म होने के इतने दिन बाद भी ऐसा नहीं हुआ।
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न्यूज पोर्टल हिंदभूमि की खबर के मुताबिक मनसा देवी रोपवे का संचालन पिछले अढाई सालों से एडहॉक व्यवस्था पर चल रहा था और इसे चला रही कंपनी को ही अवधि विस्तार दिया जाता रहा। कंपनी की लीज अवधि में बिना नियम प्रक्रिया के विस्तार करने के विरुद्ध उत्तराखंड उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका भी दायर की गई थी। जून, 2023 मे इस जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने आदेश दिया था कि इस कंपनी को बगैर प्रक्रियागत औपचारिकताएं पूरे किए हुए कोई विस्तार न दिया जाए और 31 दिसंबर से पहले नए टेंडर निकाले जाने के लिए सभी आवश्यक प्रक्रियाएं संपन्न कर ली जाएं।
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उच्च न्यायालय के इस स्पष्ट आदेश के बावजूद नगर निगम की तरफ से रोपवे के नए टेंडर करवाए जाने की कोई पहल नहीं की गई और अंततः रोपवे का संचालन ठप हो गया। मनसा देवी रोपवे के जरिए प्रतिदिन औसत पांच हजार दर्शनार्धी माता के दरबार तक पहुंचते थे। इसका संचालन ठप होने से दिव्यांगों, बुजुर्गों और बच्चों को खासी परेशानी हो सकती है।
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