सब्जियों के जायके को चटखारेदार बनाने वाला प्याज अब जेल का जायका कसैला कर रहा है। राजधानी दिल्ली में अब प्याज के दाम 80 रुपए प्रति किलो तक पहुंच गए हैं और माना जा रहा है कि जल्द ही यह सैकड़ा पार कर जाएंगे। दिवाली के बाद खुदरा बाजारों में 60 रुपये प्रति किलो बिकने वाले प्याज की कीमत में 45 से 50 फीसदी तक की बढ़ोत्तरी देखने को मिल रही है।
इस बीच मोदी सरकार में उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान का कहना है कि प्याज की क़ीमत कम करने के लिए सरकार तेजी से प्रयास कर रही है। प्याज की उपलब्धा बढ़ाने के लिए विदेशों से प्याज का आयात किया जाएगा। इसके अलावा कीमतों को कम करने के लिए सरकार ने प्याज के निर्यात पर रोक लगा दी है। रोचक है कि प्याज की कीमतों पर काबू करने की खातिर सरकार सार्वजनिक स्तर पर आपूर्ति बढ़ाने समेत तमाम तरह के उपाय करने में जुटी है, बावजूद इसके इसकी कीमतों की रफ्तार थमने का नाम नहीं ले रही है।
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सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, एक अक्टूबर को प्याज का भाव 55 रुपये प्रति किलो था। महाराष्ट्र जैसे प्याज उत्पादक राज्यों में भारी बारिश के बाद इसकी आपूर्ति पर असर पड़ा है, इससे राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली, झारखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार और अन्य राज्यों में थोक और खुदरा सब्जी मंडियों में प्याज की कीमतें आसमान छू रही हैं।
आकंड़ों के मुताबिक, प्याज की कीमतों में पिछले साल की तुलना में करीब तीन गुना अधिक वृद्धि हुई है। नवंबर, 2018 में खुदरा बाजार में प्याज का भाव 30-35 रुपये किलो था।दिल्ली ही नहीं बल्कि देशभर के अन्य क्षेत्रों में भी प्याज की कीमतें इस समय बहुत अधिक हैं।
उपभोक्ता मामले के मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आने वाले दिनों में प्याज के दाम में नरमी आ सकती है, क्योंकि महाराष्ट्र, राजस्थान और कर्नाटक में नयी फसल की आवक शुरू हो गयी है, लेकिन बेमौसमी बारिश की वजह से इन्हें उपभोक्ता क्षेत्रों तक लाने में दिक्कत हो रही है। गौरतलब है कि सहकारी संस्था नेफेड के बफर स्टॉक से आपूर्ति करने से दिल्ली में प्याज की उपलब्धता सुधर रही है, मगर देश के अन्य प्रांतों और शहरों में सरकारी स्तर पर इसकी आपूर्ति न के बराबर है।
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उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान का कहना है कि बारिश के चलते इस साल उत्पादन घटाा है, इसी वजह से महाराष्ट्र , राजस्थान, कर्नाटक में उत्पादन कम हुआ है। 57 हजार टन का बफर स्टॉक था लेकिन 30 प्रतिशत प्याज इसमें सूख गई है। देश में प्याज की कमी और कीमतों में उछाल के बाद अंतर मंत्रालय समिति की बैठक में प्याज के निर्यात पर रोक लगाने का फैसला लिया गया है।
सरकारी सूत्रों का कहना है कि सरकार ने अफगानिस्तान, मिस्र, तुर्की और ईरान से प्याज के निजी आयात की सुविधा देने का फैसला किया है। खबरों के मुताबिक निजी व्यापारियों ने सरकार को बताया कि आयातित प्याज के 80 कंटेनर भारतीय बंदरगाहों पर पहुंच चुके हैं और 100 कंटेनरों को समुद्री मार्ग से भारत भेजा जा सकता है.
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