बीबीसी के दिल्ली और मुंबई स्थित कार्यालयों में आयकर (आईटी) विभाग का 'सर्वे' बुधवार को दूसरे दिन भी जारी रहा। घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने यह जानकारी दी। सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि 'सर्वे' अभियान मंगलवार सुबह करीब 11.30 बजे शुरू हुआ था, जो पूरे दिन और यहां तक कि रात भर भी जारी रहा और वर्तमान में दिल्ली और मुंबई में चल रहा है।
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इस बीच, कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मोदी सरकार पर हमला बोला है। पवन खेड़ा ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि हमारे साहब को इतना नहीं मालूम की बीबीसी नो प्रॉफिट नौ लॉस पर काम करती है। इसमें इनकम टैक्स का कोई रोल नहीं है। साहब के अतीत पर कोई प्रकाश डाल दे तो उस मीडिया हाउस का भविष्य बर्बाद कर देंगे। ये है इनकी असलियत। 2014 से पहले इसी बीबीसी को लेकर साहब कहते थे - हम तो भरोसा ही बीबीसी पर करते हैं। अब क्या हुआ?
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पवन खेड़ा ने प्रेस फ्रीडम इंडेक्स को लेकर भी मोदी सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि 2021 में जहां भारत 142वें रैंक पर थे, 2022 में 150वें रैंक पर पहुंच गया। उन्होंने कहा कि इस तरह के छापों से हमारी दुनिया में बदनामी होती है। बीबीसी पर छापों को लेकर कहा जा रहा है बीबीसी विदेशी साजिश कर रही थी, लेकिन क्या भारतीय न्यूज पेपर और मीडिया हाउस भी यही कर रहे थे जो उनपर भी छापे मारे गए। पवन खेडा ने कहा कि दैनिक भास्कर, न्यूजक्लिक और न्यूजलॉन्ड्री जैसी मीडिया संस्थान भी क्या विदेशी साजिश का हिस्सा थे? पहले एक चैनल पर रेड डालते हैं, फिर उनका 'दोस्त' वो चैनल खरीद लेता है। ये कौन सी साजिश है?
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कांग्रेस नेता ने मोदी सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि, "जैसे आरएसएस की शाखा होती है, वैसे ही ईडी, सीबीआई, आईटी की भी अलग-अलग देशों में शाखा बना देनी चाहिए। शायद तब ये हिंडनबर्ग जैसे संस्थानों को चुप करा सकें। इन्होंने देश का मजाक बना दिया है।"
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कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि जो भी मीडिया संस्थान मोदी सरकार के खिलाफ कुछ लिख दे, उनकी सच्चाई बता दे उसे सरकार राष्ट्रविरोधी करार कर देती है। इसके साथ ही उन्होंने उन मीडिया संस्थानों के नाम भी बताए जिन पर हाल में सरकारी एजेंसियों ने छापा मारा। आगे उन्होंने कहा कि लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर सत्ता का हथौड़ा मारा जा रहा है, हम इसका विरोध करते हैं।
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वहीं बीबीसी ने अपने कर्मचारियों को घर से काम करने की जानकारी दी है। ब्रॉडकास्टर ने साथ ही अपने कर्मचारियों को वेतन से जुड़े अन्य सवालों के जवाब देने का निर्देश दिया है। कर्मचारियों से कहा गया है कि वे अधिकारियों के साथ सहयोग करें और उनके सवालों का व्यापक जवाब दें।
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बता दें कि जो 2002 गुजरात दंगों पर केंद्रित बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री 'इंडिया: द मोदी क्वेश्चन' के जारी होने के कुछ हफ्ते बाद ही बीबीसी दफ्तर पर आईटी विभाग द्वारा अभियान चलाया गया है। डॉक्यूमेंट्री के वायरल होने के बाद पूरे देश में हंगामा मच गया, और बाद में इसे सभी प्लेटफार्मों के साथ-साथ सोशल मीडिया आउटलेट्स से भी हटा दिया गया। कांग्रेस के नेतृत्व में कई विपक्षी दलों ने बीबीसी के परिसरों में सर्वे कार्यों की आलोचना की है।
आईएएनएस के इनपुट के साथ
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