कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने रविवार को उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की इस टिप्पणी को लेकर उन पर कटाक्ष किया कि विदेश जाना छात्रों के लिए ‘‘नयी बीमारी’’ बन गई है। जयराम रमेश ने कहा कि यह कोई बीमारी नहीं है, बल्कि ‘‘बीमार शिक्षा प्रणाली’’ का लक्षण मात्र है, जो राजनीतिक हस्तक्षेप से और खराब होती जा रही है।
Published: undefined
राजस्थान के सीकर में धनखड़ ने शनिवार को कहा था कि विदेश जाना देश के बच्चों को होने वाली नई बीमारी है। उन्होंने इसे ‘विदेशी मुद्रा पलायन और प्रतिभा पलायन’ दोनों बताया था।
धनखड़ की टिप्पणी पर एक मीडिया रिपोर्ट को टैग करते हुए कांग्रेस महासचिव (संचार प्रभारी) जयराम रमेश ने कहा, ‘‘माननीय उपराष्ट्रपति ने दुख जताया है कि विदेश जाना छात्रों के लिए एक नई बीमारी बन गई है।’’
जयराम रमेश ने कहा, ‘‘वास्तव में यह एक पुरानी बीमारी है जो कई दशकों से छात्रों को प्रभावित कर रही है। मैं भी 1975 में इस वायरस से संक्रमित हुआ था, लेकिन समय रहते ठीक हो गया और 1980 में भारत वापस आ गया।’’
Published: undefined
उन्होंने कहा कि छात्र अब कई कारणों से विदेश जाते हैं, सीयूईटी कई युवाओं को दूर भगाता है। उनका कहना था कि शिक्षा की गुणवत्ता और पेशेवर अवसरों में अंतर बहुत स्पष्ट है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि इनमें से कई संस्थानों को जिस तरह से चलाया जाता है, वह निराशजनक है। जयराम रमेश ने कहा, ‘‘छात्रों का विदेश जाना कोई बीमारी नहीं है, यह केवल एक बीमार शिक्षा प्रणाली का लक्षण है, जो राजनीतिक हस्तक्षेप से और भी खराब होती जा रही है।’’
Published: undefined
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia
Published: undefined