देश की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की आज 39वीं पुण्यतिथि है। इस मौके पर उन्हें पूरा देश याद कर रहा है। इस मौके पर सोनिया गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस नेता राहुल गांधी समेत पार्टी एक अन्य नेताओं ने उन्हें दिल्ली में शक्ति स्थल पर पहुंच कर श्रद्धांजलि दी।
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31 अक्टूबर 1984 को इंदिरा गांधी के दो सुरक्षा गार्डों सतवंत सिंह और बेअंत सिंह ने 1, सफदरजंग रोड स्थित उनके आवास पर उनकी हत्या कर दी थी। हत्या से ठीक एक दिन पहले इंदिरा गांधी ने 30 अक्तूबर, 1984 को भुवनेश्वर में एक जनसभा में कहा था, “मैं आज यहां हूं कल शायद न रहूं। मुझे चिंता नहीं। मैं रहूं या नहीं रहूं। मेरा लंबा जीवन रहा है और मुझे इस बात का गर्व है कि मैंने अपना पूरा जीवन अपने लोगों की सेवा में बिताया। मैं अपनी आखिरी सांस तक ऐसा करती रहूंगी। जब मैं मरूंगी तो मेरे खून का एक-एक कतरा भारत को मजबूत करने में लगेगा।”
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19 नवंबर 1917 को इंदिरा गांधी का जन्म जवाहर लाल नेहरू के घर था। इंदिरा गांधी में भी गजब की राजनीतिक दूरदर्शिता थी। महज 11 वर्ष की आयु में इंदिरा ने ब्रिटिश शासन के खिलाफ बच्चों की वानर सेना बनाई थी। 1938 में वह औपचारिक तौर पर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल हुईं। जब जवाहर लाल नेहरू प्रधानमंत्री बने तो इंदिरा गांधी ने उनके साथ काम करना शुरू किया। शास्त्री जी के निधन के बाद 1966 में इंदिरा गांधी को देश के शक्तिशाली पद यानी प्रधानमंत्री बनने का अवसर मिला।
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