डेनमार्क के शोधकर्ताओं ने कहा है कि ओमिक्रोन वेरिएंट कोरोना के डेल्टा वेरिएंट की तुलना में शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को बेहतर तरीके से चकमा देने में सक्षम है।
कोरोना का यह नया वेरिएंट चिंता का विषय माना गया है और यह दक्षिण अफ्रीका तथा अमेरिका ,ब्रिटेन और अन्य देशों में काफी प्रभावी हो गया है। इस समय इसका प्रसार विश्व के 100 से अधिक देशों में हैं।
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इस अध्ययन को कोपेनहेगन विश्वविद्यालय और डेनमार्क के स्वास्थ्य मंत्रालय के शोधकर्ताओं ने किया है और इसमें दिसंबर 2021 में डेनमार्क के हजारों घरों में ओमिक्रोन संक्रमण की प्रसार दर तथा इससे जुड़ी अन्य बातों के बारे में शोध किया गया था। ये आंकड़े 11,937 घरों से जुटाए गए हैं जहां 2,225 घरों में डेल्टा और 9,712 घरों में ओमिक्रोन संक्र मण फैला था। शोधकर्ताओं की टीम ने एक से सात दिनों के कार्यकाल में 6,397 द्वितीय संक्रमणों की पहचान की थी। इससे पहले जिन घरों में कोरोना संक्रमण हुआ था उनमें ओमिक्रोन संक्रमण 31 प्रतिशत और डेल्टा संक्रमण 21 प्रतिशत दर्ज किया गया था।
विश्वविद्यालय के डिपार्टमेंट ऑफ इकॉनामिक्स और सेंटर फॉर इकॉनामिक्स बिहेवियर तथा इंनइक्वेलिटी के शोधकर्ता फ्रेडिक लेंसर लीसिंजे ने बताया कि जिन लोगों को कोरोना वैक्सीन नहीं लगी थी उनमें इसके संक्रमण की दर अधिक पाई गई थी और जिन लोगों को दोनों वैक्सीन लग चुकी थी उनके मुकाबले बूस्टर डोज वाले अधिक सरुक्षित पाए गए थे। यह भी पाया गया है कि डेल्टा की तुलना में ओमिक्रोन 2.7- से 3.7 गुना अधिक संक्रामक पाया गया और इसके दोगुना होने की रफ्तार भी अधिक है। बूस्टर डोज लेने वाले दोनों वैक्सीन लेने वालों की तुलना में ज्यादा सुरक्षित पाए गए थे।
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इन्होंने बताया कि हमारा निष्कर्ष यह कहता है कि ओमिक्रोन का अधिक प्रसार इस बात का परिचायक है कि यह शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को चकमा देने में माहिर है और मौजूदा वैक्सीन इसके लिए अधिक कारगर नहीं है। इसके लिए और संशोधित या उन्नत वैक्सीन बनाए जाने की आवश्यकता है।
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