कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमीक्रॉन ने पूरी दुनिया के साथ भारत की चिंता भी बढ़ा दी है। इसकी वजह है कि इस वेरिएंट को बहुत ही ज्यादा संक्रमणकारी यानी खतरनाक बताया जा रहा है। साथ ही चिंता का कारण यह भी है कि संभवत: इस वेरिएंट पर वैक्सीन का असर न हो।
वायरस के नए नए वेरिएंट से खतरे के बीच शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मुद्दे पर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की। साथ ही राज्य सरकारों ने भी अपने तौर पर इससे निपटने की तैयारियां शुरु कर दी हैं।
दरअसल कल ही विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना वायरस के इस नए वेरिएंट को क्लासिफाई करते हुए इसे 'वेरिएंट ऑफ कंसर्न' कहा है। साथ ही डब्लूएचओ ने इसे ओमीक्रॉन नाम दिया है। इस वेरिएंट की पहचान इसी सप्ताह पहली बार दक्षिण अफ्रीका में हुई। इसके बाद यह बोत्सवाना समेत आसपास के देशों में फैल गया है। चिंता की बात यह है कि इस वेरिएंट ने ऐसे लोगों को भी संक्रमित किया जिनका वैक्सीनेश हो चुका था।
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इस वायरस के खतरे के मद्देनजर भारत ने गुरुवार को ही दक्षिण अफ्रीका, बोत्सवाना और हांगकांग से आए यात्रियों की कड़ी स्क्रीनिंग करने का निर्देश दिया था। आज हुई बैठक में प्रधानमंत्री ने भी इसके मद्देनजर कदम उठाने की बात कही। बताया जाता है कि प्रधानमंत्री ने लोगों को अधिक सतर्क रहने और मास्क पहनने व उचित दूरी सहित बचाव के सभी अन्य उपायों का पालन करने की जरूरत बताई है। इसके अलावा सभी अंतरराष्ट्रीय उड़ानों की निगरानी करने की जरूरत पर भी जोर दिया।
इस बीच महाराष्ट्र सरकार ने जहां कोविड प्रोटोकॉल को लेकर दिशा निर्देश जारी किए वहीं राज्य में आने वाले सभी विदेशी यात्रियों पर केंद्र सरकार के निर्देश लागू करने को कहा हैे। इसके अलावा घरेलू यात्रियों को कोरोना वैक्सीन के दोनों डोज यानी पूरी तरह वैक्सीनेटेड होने पर एंट्री दी जाएगी या फिर उनके पास 72 घंटे का आरटी-पीसीआर टेस्ट हो।
महाराष्ट्र सरकार ने यह भी निर्देश जारी किया है कि सार्वजनिक स्थानों और समारोहों में कोविड उचित व्यवहार का सख्ती से पालन हो। किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए अस्पतालों में पूरी तैयारी रहे। अंतरराष्ट्रीय उड़ानों से उतरने वाले यात्रियों का आरटी-पीसीआर परीक्षण और दक्षिण अफ्रीका, बोत्सवाना, जिम्बाब्वे और हांगकांग आदि से यात्रियों का क्वारंटीन सुनिश्चित किया जाए।
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इधर एम्स दिल्ली में कोविड टास्क फोर्स के चेयरमैन डॉक्टर नवीत विग ने बताया है कि नया वेरिएंट अधिक तेजी से फैलता है। उन्होंने कहा, 'हमें यह समझना होगा कि नए वेरिएंट आते रहेंगे। ऐसे में यूनिवर्सल वैक्सीनेशन यानी सभी लोगों को वैक्सीन लगनी बहुत महत्वपूर्ण है।' उन्होंने वैक्सीन की बूस्टर डोज की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने कहा है कि आयु समूहों और अलग-अलग तरह के रोगियों के आधार पर बूस्टर डोज की जरूरत होगी। साथ ही इसके लिए तुरंत अध्ययन की आवश्यकता होगी।
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