जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला को लगभग 8 महीने बाद मंगलवार को हिरासत से रिहा कर दिया गया। जनसुरक्षा कानून (पीएसए) के तहत लगाए गए आरोप हटाए जाने के बाद उनकी रिहाई का आदेश जारी किया गया। वह जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से नजरबंद थे। नजरबंदी करीब 7 महीने तक रही।
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वहीं नजबंदी से रिहा होने के बाद उमर अब्दुल्ला ने कहा, “आज मुझे अहसास हुआ कि हम जिंदगी और मौत की लड़ाई लड़ रहे हैं। नजरबंद सभी लोगों को रिहा किया जाना चाहिए। कोरोना से लड़ने के लिए हम सबको सरकार के आदेश का पालन करना चाहिए।”
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उन्होंने आगे कहा, “जिस तरह जम्मू कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में तोड़ा गया। कैसे बच्चे दो महीने स्कूल नहीं गए, दुकानदार कमाई नहीं कर पाए। 5 अगस्त 2019 के बाद जो भी हुआ मैं उसपर बाद में बात करूंगा।”
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हालांकि उनकी रिहाई तब से ही तय मानी जा रही थी जब से उनके पिता फारुक अबदुल्ला रिहा हुए थे। सुप्रीम कोर्ट द्वारा बीते दिनों पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की रिहाई पर केंद्र और जम्मू-कश्मीर प्रशासन से जवाब तलब किए जाने के बाद नेशनल कांफ्रेंस उपाध्यक्ष की रिहाई तय मानी जा रही थी। वह लगभग सात महीने से नजरबंद थे। बता दें कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के बाद फारुक अब्दुल्ला के साथ ही सैंकड़ों नेताओं को हिरासत में लिया गया था.
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