केंद्र की मोदी सरकार के दौरान पिछले 3 साल से देश में खस्ताहाल सरकारी कंपनियों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। साल 2017-18 में देश में खस्ताहाल सरकारी कंपनियों की संख्या बढ़कर 56 हो गई है। जबकि ऐसी कंपनियों की संख्या साल 2015-16 में 48 थी। इन खस्ताहाल सरकारी कंपनियों में एयर इंडिया सबसे ऊपर के पायदान पर है।
Published: 15 Jul 2019, 8:15 PM IST
साल 2017-18 में इन 56 सरकारी कंपनियों में से जिनकी हालत सबसे ज्यादा खस्ता रही है, उनमें एयर इंडिया एक्सप्रेस, एयर इंडिया इंजीनियरिंग सर्विसेज लिमिटेड, बीसीसीएल, बीएचईएल इलेक्ट्रिकल मशीन लिमिटेड और एमटीएनएल शामिल हैं। इन सारी 56 कंपनियों का कुल नेटवर्थ 2017-18 में माइनस 88,556 करोड़ रुपये रहा। जबकि इन कंपनियों का कुल नुकसान एक लाख 32 हजार 360 करोड़ रुपये था।
Published: 15 Jul 2019, 8:15 PM IST
खराब हालत का सामना कर रही एयर इंडिया का घाटा इन तीन सालों के दौरान सबसे ज्यादा रहा। इस दौरान एयर इंडिया का नेटवर्थ माइनस में चला गया और 24,893 करोड़ रुपये रहा, जबकि इस अवधि में कंपनी का नुकसान 53,914 करोड़ रुपये का रहा।
सरकारी कंपनियों की खस्ता हालत को लेकर मोदी सरकार में भारी उद्योग मंत्री अरविंद गणपत सावंत ने सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को पुनर्जीवित करने और इनके पुनर्गठन की बात कही है। उन्होंने दावा किया है कि सरकार ऐसी कंपनियों को फिर से लाभ अर्जित करने वाली कंपनी बनाने के लिए नए तरीकों पर काम कर रही है।
Published: 15 Jul 2019, 8:15 PM IST
इसी के तहत मोदी सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र की 6 कंपनियों का रिवाइवल करने के लिए अपनी मंजूरी दे दी है। इनमें ब्रह्मपुत्र वैली फर्टिलाइजर निगम लिमिटेड, हिंदुस्तान स्टील वर्क्स कंस्ट्रक्शन लिमिटेड, रिचर्डसन एंड क्रूडडास लिमिटेड, नेपा लिमिटेड, हुगली प्रिंटिंग लिमिटेड और कोंकण रेलवे निगम लिमिटेड के नाम शामिल हैं।
Published: 15 Jul 2019, 8:15 PM IST
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia
Published: 15 Jul 2019, 8:15 PM IST