कांग्रेस के छात्र संगठन नेशनल स्टूडेंट यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) ने शनिवार को दिल्ली के कनॉट प्लेस में एसएससी (सीजीएल) 2018 के रिजल्ट में देरी और बढ़ती बेरोजगारी के मुद्दे पर मानव श्रृंखला बनाकर विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं ने कोनवोकेशन गाउन पहनकर लोगों से भीख मांगकर केंद्र सरकार के खिलााफ अपना विरोध जताया।
एसएससी रिजल्ट में देरी और बढ़ती बेरोजगारी के खिलाफ एनएसयूआई का प्रदर्शन कनाट प्लेस स्थित इनर सर्कल पर हुआ। जिसमें एनएसयूआई के सैकड़ो कार्यकर्ताओं ने कोनवोकेशन गाउन पहनकर लोगों से भीख भी मांगी। एनएसयूआई ने कहा, “वर्तमान मोदी सरकार में डिग्री हासिल किए हुए युवा आज दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं। इसलिए आज एनएसयूआई द्वारा भीख मांगकर केंद्र सरकार को संदेश दिया है कि छात्रों को जल्द से जल्द रोजगार दिया जाए अन्यथा देश का युवा बेरोजगारी के कारण कटोरा उठाने पर मजबूर हो जाएगा।”
Published: 05 Sep 2020, 6:04 PM IST
इस दौरान पुलिस ने शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे एनएसयूआई कार्यकर्ता नागेश करियप्पा,अविनाश यादव, कुनाल सहरावत, चुननू सिंह, रॉकी तुषीद, अर्जुन चपराना, सौरभ यादव, अंकित सिंह, आशीष लाबा, प्रशांत ओझा, नरेन्द्र, सक्षम समेत कई कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया और उन पर एफआईआर भी दर्ज किया गया है।
एनएसयूआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीरज कुंदन का कहना है कि "2018 में आयोजित हुए एसएससी के एग्जाम के 850 दिन बाद भी युवा अपने परिणाम का इंतजार कर रहे हैं। लेकिन सरकार रिजल्ट न जारी करके छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है। जिसके कारण छात्र और युवा लगातार बेरोजगारी का शिकार हो रहे हैं।"
Published: 05 Sep 2020, 6:04 PM IST
एनएसयूआई अध्यक्ष ने कहा कि 2018 में आयोजित एसएससी के एग्जाम के 850 दिन बाद भी युवा अपने परिणाम का इंतजार कर रहा है। लेकिन मोदी सरकार रिजल्ट न जारी करके छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है। जिसके कारण छात्र और युवा लगातार बेरोजगारी का शिकार हो रहे हैं और खुदकशी करने पर मजबूर हैं। बीते एक साल में भारत में 90 हजार युवाओं ने खुदकशी की है। लेकिन सरकार छात्रों की बर्बादी का नजारा खुशी-खुशी देख रही है। लेकिन हम एक जिम्मेदार छात्र संगठन होने के नाते छात्रों का भविष्य बर्बाद नहीं होने देंगे।
नीरज कुंदन ने कहा कि मोदी सरकार एफआईआर करके और छात्रों को गिरफ्तार करके हमें डराना चाहती है, लेकिन हम इनके आगे झुकने वाले नहीं हैं। अगर मोदी सरकार तुरंत एसएससी का रिजल्ट जारी नहीं करती है तो एक बड़े विरोध-प्रदर्शन का सामना करने के लिए तैयार रहे। देश का युवा सड़कों पर उतरने के लिए तैयार हैं। सरकार परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहे।
Published: 05 Sep 2020, 6:04 PM IST
एनएसयूआई ने दावा किया कि, "आकड़ों के अनुसार 2017 में एसएससी की एक भी ज्वाइनिंग नहीं हुई। 2018 के एसएससी का परिणाम और अंतिम मैरिट लिस्ट अभी तक जारी नहीं हुआ है। 2019 के एसएससी की अभी तक परीक्षा ही नहीं हुई है। इसके अलावा 2018-19 में रेलवे के अंदर 90 हजार वैकेंसी निकली, जिसके लिए 2.43 करोड़ आवेदन आए, लेकिन परीक्षा का आयोजन ही नहीं हुआ।"
एनएसयूआई का कहना है कि वर्तमान समय में बीए, एमए, इंजीनियर, डॉक्टर, पीएचडी की डिग्री लिए करोड़ों युवा बेरोजगार घूम रहे हैं। किसी के पास भी अपने घर का खर्च चलाने का साधन नहीं है।
Published: 05 Sep 2020, 6:04 PM IST
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Published: 05 Sep 2020, 6:04 PM IST