नेशनल स्टूडेंट यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) ने बाबा रामदेव के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। एफआईआर एनएसयूआई के राष्ट्रीय महासचिव नागेश करियप्पा ने कराई है। एनएसयूआई का कहना है कि ऐसे लोगों को बिना कार्रवाई के छोड़ना डॉक्टरों को नीचा दिखाना है। करियप्पा ने कहा, "पतंजलि ब्रांड के स्वामी बाबा रामदेव ने हाल ही में एलोपैथिक दवाओं पर सवाल उठाया था और हमारे देश के डॉक्टरों को शर्मिदा किया था।"
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एनएसयूआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीरज कुंदन ने कहा, "बाबा रामदेव ने कोरोना योद्धा एवं अग्रिम पंक्ति के सिपाही डॉक्टरों के सम्मान को ठेस पहुंचाई, जिसको कोई भी भारतीय बर्दाश्त नहीं करेगा। एनएसयूआई बाबा रामदेव के इस बयान की कड़े शब्दों में निंदा करती है और पुलिस से बाबा रामदेव पर सख्त से सख्त कार्रवाई करने की मांग करती है।"
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दूसरी ओर, मंगलवार को देशभर में रेजिडेंट डॉक्टरों ने बाबा रामदेव के बयान के विरोध में अस्पतालों में ड्यूटी करते हुए काली पट्टी बांधकर प्रदर्शन किया और काला दिवस मनाया। डॉक्टरों ने रामदेव से उनके बयान के लिए माफी मांगने की मांग की है। देश में रेजिडेंट डॉक्टर्स के लगभग सभी संगठनों ने आज इस प्रदर्शन में शामिल होकर अपना विरोध जताया।
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गौरतलब है कि योग गुरु रामदेव ने हाल में कोरोना महामारी के बहाने एलोपैथी पर सवाल उठाते हुए इसे मूर्खतापूर्ण विज्ञान बताकर विवाद खड़ा कर दिया था। इसके बाद भी रामदेव लगातार कोरोना से हुई मौतों के लिए एलोपैथी और डॉक्टरों को जिम्मेदार ठहराते रहे है। इसके खिलाफ नाराजगी जताते हुए इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री और पीएम मोदी को पत्र लिखकर कार्रवाई की मांग करने के साथ ही रामदेव को कानूनी नोटिस भी भेजा है।
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