किसी भी शैक्षणिक संस्थान को खोलने और कोई भी परीक्षा आयोजित करने से पहले देश भर के छात्रों के लिए टीकाकरण नीति की मांग को लेकर एनएसयूआई ने आज दिल्ली में संसद तक विरोध मार्च निकाला। हालांकि छात्रों के लिए अपनी मांगो को लेकर संसद भवन की ओर मार्च कर रहे एनएसयूआई कार्यकर्ताओं को पुलिस ने बैरिकेडिंग के जरिए रोकने की कोशिश की।
Published: undefined
एनएसयूआई ने सुरक्षित रूप से परीक्षा आयोजित करने, छात्रों के खोए हुए शैक्षणिक वर्ष की भरपाई करने और भविष्य के पाठ्यक्रम पर ध्यान केंद्रित करने की मांग की। इसके अलावा एनएसयूआई ने महामारी के 1.5 साल बीत जाने के बाद भी छात्रों के लिए कोई राहत पैकेज घोषित करने में विफलता पर मोदी सरकार पर हमला बोला। एनएसयूआई के अनुसार इस सरकार ने छात्रों के लिए झूठे वादों के अलावा कुछ नहीं किया, जिससे छात्रों को भ्रमित और असहाय अवस्था में छोड़ दिया गया।
Published: undefined
एनएसयूआई के अध्यक्ष नीरज कुंदन ने कहा कि केंद्र सरकार ने छात्रों की ओर से पूरी तरह से आंखें मूंद ली हैं और छात्रों से जुड़े सभी महत्वपूर्ण मुद्दों की ओर सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए एनएसयूआई के नियमित प्रयासों के बाद भी मोदी सरकार असंवेदनशील है।
उन्होंने कहा, "दूसरी कोविड लहर के बाद केंद्र सरकार को सबक सीखना था, लेकिन अभी तक कोई आवश्यक कदम नहीं उठाया गया है।"
Published: undefined
एनएसयूआई के मुताबिक अभी भी बहुत से ऐसे छात्र हैं, जिनका टीकाकरण नहीं हुआ है और वे जल्द ही विभिन्न परीक्षाओं में शामिल होंगे, जिससे उन्हें संक्रमित होने का खतरा होगा। इस स्थिति के परिणामस्वरूप परीक्षा स्थगित करने की मांग की जा रही है और परीक्षा स्थगित करना निश्चित रूप से समस्या का स्थायी समाधान नहीं है। एकमात्र स्थायी समाधान यह है कि टीकाकरण के लिए छात्रों को प्राथमिकता दी जाए, ताकि वे सुरक्षित वातावरण में अपनी पढ़ाई जारी रख सकें।
Published: undefined
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia
Published: undefined