हालात

NSUI ने संसद भवन तक निकाला मार्च, छात्रों के लिए तत्काल टीकाकरण नीति और राहत पैकेज की उठाई मांग

एनएसयूआई के अध्यक्ष नीरज कुंदन ने कहा कि केंद्र सरकार ने छात्रों की ओर से पूरी तरह से आंखें मूंद ली हैं और छात्रों से जुड़े सभी महत्वपूर्ण मुद्दों की ओर सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए एनएसयूआई के नियमित प्रयासों के बाद भी मोदी सरकार असंवेदनशील है।

फोटोः @nsui
फोटोः @nsui 

किसी भी शैक्षणिक संस्थान को खोलने और कोई भी परीक्षा आयोजित करने से पहले देश भर के छात्रों के लिए टीकाकरण नीति की मांग को लेकर एनएसयूआई ने आज दिल्ली में संसद तक विरोध मार्च निकाला। हालांकि छात्रों के लिए अपनी मांगो को लेकर संसद भवन की ओर मार्च कर रहे एनएसयूआई कार्यकर्ताओं को पुलिस ने बैरिकेडिंग के जरिए रोकने की कोशिश की।

Published: undefined

एनएसयूआई ने सुरक्षित रूप से परीक्षा आयोजित करने, छात्रों के खोए हुए शैक्षणिक वर्ष की भरपाई करने और भविष्य के पाठ्यक्रम पर ध्यान केंद्रित करने की मांग की। इसके अलावा एनएसयूआई ने महामारी के 1.5 साल बीत जाने के बाद भी छात्रों के लिए कोई राहत पैकेज घोषित करने में विफलता पर मोदी सरकार पर हमला बोला। एनएसयूआई के अनुसार इस सरकार ने छात्रों के लिए झूठे वादों के अलावा कुछ नहीं किया, जिससे छात्रों को भ्रमित और असहाय अवस्था में छोड़ दिया गया।

Published: undefined

एनएसयूआई के अध्यक्ष नीरज कुंदन ने कहा कि केंद्र सरकार ने छात्रों की ओर से पूरी तरह से आंखें मूंद ली हैं और छात्रों से जुड़े सभी महत्वपूर्ण मुद्दों की ओर सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए एनएसयूआई के नियमित प्रयासों के बाद भी मोदी सरकार असंवेदनशील है।
उन्होंने कहा, "दूसरी कोविड लहर के बाद केंद्र सरकार को सबक सीखना था, लेकिन अभी तक कोई आवश्यक कदम नहीं उठाया गया है।"

Published: undefined

एनएसयूआई के मुताबिक अभी भी बहुत से ऐसे छात्र हैं, जिनका टीकाकरण नहीं हुआ है और वे जल्द ही विभिन्न परीक्षाओं में शामिल होंगे, जिससे उन्हें संक्रमित होने का खतरा होगा। इस स्थिति के परिणामस्वरूप परीक्षा स्थगित करने की मांग की जा रही है और परीक्षा स्थगित करना निश्चित रूप से समस्या का स्थायी समाधान नहीं है। एकमात्र स्थायी समाधान यह है कि टीकाकरण के लिए छात्रों को प्राथमिकता दी जाए, ताकि वे सुरक्षित वातावरण में अपनी पढ़ाई जारी रख सकें।

Published: undefined

Google न्यूज़नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें

प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia

Published: undefined