कोरोना वायरस और लॉकडाउन की वजह से लाखों लोगों का रोजगार छिन गया। फैक्ट्रियों और कंपनियों के बंद हो जाने की वजह से कामगार लोग अपने घर जाने को मजबूर हुए। इनमें से कई लोगों के लिए यूपीए सरकार के दौरान शुरू की गई मनरेगा योजना Mahatma Gandhi National Rural Employment Guarantee Scheme (MGNREGS) सहारा बन रहा है। जनसत्ता की खबर के मुताबिक कोरोना काल में मनरेगा से जुड़े कामों की डिमांड में उछाल आया है। अप्रैल में इसके तहत 12,841,359 लोगों ने काम मांगा, जबकि मई में इसमें 181 फीसदी का उछाल आया और मनरेगा के तहत काम मांगने वालों की संख्या बढ़कर 36,155,787 हो गई।
Published: 08 Jun 2020, 1:18 PM IST
यह वृद्धि तब हुई है जब, कोरोना संक्रमण फैलने के मद्देनजर कड़े लॉकडाउन के दौरान असंख्य लोगों की नौकरी चली गई थी। नतीजतन श्रमिक ट्रेनें चलने के बाद प्रवासी मजदूर, कामगार और श्रमिक महानगरों से लौटकर गृह राज्यों को आए, तो उन्होंने गुजर-बसर के लिए MGNREGS से जुड़े कामों की ओर रुख किया।
Published: 08 Jun 2020, 1:18 PM IST
यही वजह है कि अब युवा भी MGNREGS के तहत काम चाहते हैं और वे ऐसा कर भी रहे हैं। आंकड़ों के अनुसार, राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत 9.82 फीसदी लोग 18 से 30 बरस के बीच के हैं। 31.14 प्रतिशत लोग 31 से 40 साल के हैं। 30.03 फीसदी लोग 41 से 50 वर्ष के आयु वर्ग के हैं। 19.27 प्रतिशत लोग 51-60 साल के बीच हैं। 9.39 प्रतिशत लोग 61 से 80 के बीच हैं, जबकि 0.35 लोग 81 साल के ऊपर के हैं।
Published: 08 Jun 2020, 1:18 PM IST
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Published: 08 Jun 2020, 1:18 PM IST