पैन 2.0 परियोजना के तहत क्यूआर कोड आधारित उन्नत प्रणाली लागू होने से नकली कार्ड की पहचान आसान हो जाएगी और करदाता एक से अधिक पैन कार्ड नहीं रख पाएंगे।
हालांकि, नई व्यवस्था शुरू होने पर भी मौजूदा पैन कार्ड वैध बने रहेंगे और करदाताओं को नए कार्ड के लिए आवेदन करने की जरूरत नहीं होगी। सिर्फ कार्ड से संबंधित जानकारियों में कोई बदलाव होने पर ही पैन 2.0 कार्ड के लिए आवेदन करना होगा।
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केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने मंगलवार को पैन 2.0 परियोजना से संबंधित इन बिंदुओं को स्पष्ट किया। उसने ‘बार-बार पूछे जाने वाले सवालों’ (एफएक्यू) का ब्योरा देकर वस्तुस्थिति स्पष्ट करने की कोशिश की है।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एक दिन पहले ही क्यूआर कोड सुविधा से लैस नए तरह के पैन कार्ड जारी करने के लिए 1,435 करोड़ रुपये की परियोजना को मंजूरी दी है।
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अगले साल से लागू होने वाली यह परियोजना ‘स्थायी खाता संख्या’ (पैन) जारी करने की मौजूदा प्रणाली को उन्नत बनाने के मकसद से लाई गई है। पैन 2.0 परियोजना का उद्देश्य सरकारी एजेंसियों की सभी डिजिटल प्रणालियों के लिए एक ‘समान व्यवसाय पहचानकर्ता’ तैयार करना है।
पैन आयकर विभाग की तरफ से जारी होने वाली 10 अंक की एक विशिष्ट संख्या है। इसमें अंकों के साथ अंग्रेजी अक्षरों को भी कूटबद्ध रूप से शामिल किया जाता है। यह संख्या भारतीय करदाताओं को विशिष्ट रूप से जारी की जाती है।
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सीबीडीटी की तरफ से जारी बयान के मुताबिक, इस परियोजना का उद्देश्य पैन एवं टैन जारी करने और उनके प्रबंधन की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित और आधुनिक बनाना है। यह परियोजना कई डिजिटल मंचों के एकीकरण और पैन/टैन धारकों के लिए कुशल सेवाओं पर ध्यान केंद्रित करती है।
इस परियोजना में कर कटौती एवं संग्रह खाता संख्या (टैन) को भी समाहित किया जाएगा। इस समय करीब 78 करोड़ पैन और 73.28 लाख टैन खाता मौजूद हैं।
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आयकर विभाग की शीर्ष संस्था सीबीडीटी ने कहा कि पैन से संबंधित सेवाएं तीन अलग मंच- ई फाइलिंग पोर्टल, यूटीआईआईटीएसएल पोर्टल और प्रोटीन ई-गवर्नेंस पोर्टल पर मौजूद हैं। लेकिन पैन 2.0 के लागू होने पर ये सभी सेवाएं एक एकीकृत पोर्टल पर उपलब्ध होंगी।
एकीकृत मंच की मदद से पैन कार्ड संबंधी आवेदन, उसमें सुधार और आधार को पैन से जोड़ने के अनुरोध के अलावा कार्ड का ऑनलाइन सत्यापन भी किया जा सकेगा।
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सीबीडीटी ने कहा है कि मौजूदा पैन कार्डधारकों को नए कार्ड के लिए आवेदन करने की जरूरत नहीं होगी। उन्हें उसी स्थिति में आवेदन करना होगा, जब उन्हें अपने ब्योरे को अद्यतन या संशोधित करना हो।
नई व्यवस्था के तहत जारी होने वाले कार्ड क्यूआर कोड से लैस होंगे जिससे कार्ड पर दर्ज सूचनाओं का सत्यापन डिजिटल माध्यम से किया जा सकेगा। इससे नकली आवेदनों पर लगाम लगाई जा सकेगी और कोई व्यक्ति एक से अधिक कार्ड नहीं रख पाएगा।
हालांकि, सीबीडीटी ने यह स्पष्ट किया है कि पैन पर क्यूआर कोड की सुविधा कोई नई बात नहीं है और यह 2017-18 से ही पैन कार्ड पर मौजूद है। लेकिन पैन 2.0 परियोजना में क्यूआर कोड डाइनैमिक सुविधा से लैस होगा जिससे पैन डेटाबेस में मौजूद नवीनतम डेटा भी देखे जा सकेंगे। इनमें फोटो, हस्ताक्षर, नाम, माता-पिता के नाम और जन्मतिथि की जानकारी शामिल है।
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सीबीडीटी ने कहा, ‘‘बिना क्यूआर कोड वाले पुराने पैन कार्ड रखने वाले करदाताओं के पास क्यूआर कोड से युक्त नए कार्ड के लिए आवेदन करने का विकल्प होगा।’’
इसके साथ ही एफएक्यू में स्पष्ट किया गया है कि नई व्यवस्था शुरू होने के बाद भी व्यक्तियों और व्यवसायों के पास मौजूद पैन वैध रहेगा और उन्हें उसे बदलने की कोई जरूरत नहीं होगी।
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हालांकि, भौतिक पैन कार्ड पाने के लिए आवेदक को 50 रुपये का निर्धारित शुल्क अदा करना होगा। वहीं देश के बाहर आपूर्ति के लिए अलग से डाक शुल्क भी देना होगा।
पैन में दर्ज व्यक्तिगत आंकड़ों की सुरक्षा के लिए इन आंकड़ों का उपयोग करने वाली सभी संस्थाओं के लिए ‘पैन डेटा वॉल्ट सिस्टम’ अनिवार्य होगा। साथ ही पैन 2.0 के तहत शिकायत निवारण प्रणाली को भी मजबूत किया जाएगा।
पीटीआई के इनपुट के साथ
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