उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था की हालत दिन प्रतिदिन बदतर होती जा रही है। आए दिन प्रदेश के अलग-अलग इलाकों से रेप, हत्या, लूट और मारपीट की खबरें आती रहती हैं। इन घटनाओं में सबसे ज्यादा बीजेपी से जुड़े नेताओं और कार्यकर्ताओं के नाम सामने आते रहे हैं। वहीं पुलिस पर सत्ताधारी बीजेपी के दबाव में कार्रवाई नहीं करने के आरोप लगते रहे हैं। लेकिन अब बदहाल कानून-व्यवस्था की आंच खुद पुलिस तक पहुंच गई और पुलिस अधिकारी ही इस बार बीजेपी के एक नेता के हमले के शिकार हो गए।
मामला उत्तर प्रदेश के सोनभद्र का है, जहां रेणुकूट पुलिस चौकी में घुसकर वहां के प्रभारी के साथ बीजेपी ओबीसी सेल की जिला इकाई के महासचिव सुनील गिरी ने न सिर्फ दुर्व्यवहार किया, बल्कि पुलिस वालों के खिलाफ अभद्र टिप्पणी भी की। इस पर चौकी प्रभारी और उनके सहयोगियों ने उन्हें रोकने की कोशिश की, लेकिन वह नहीं माने और दुर्व्यवहार करते रहे। इस पर चौकी प्रभारी भी आपे से बाहर हो गए और उन्होंने कथित तौर पर सुनील गिरी की चौकी में जमकर पिटाई कर दी।
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इस घटना की सूचना मिलते ही सुनील गिरी को बचाने के लिए बड़ी संख्या में बीजेपी कार्यकर्ता चौकी पर इकट्ठा हो गए और हंगामा करने लगे। इसके बाद उन्हें खदेड़ने के लिए पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा, जिससे नाराज होकर वे धरने पर बैठ गए और पुलिस वालों पर कार्रवाई की मांग करने लगे। इसके बाद बीजेपी नेताओं के दबाव में आए सोनभद्र के पुलिस अधीक्षक आशीष श्रीवास्तव ने सर्किल अफसर को मामले की जांच का निर्देश देते हुए चौकी प्रभारी अंजनी कुमार राय को लाइन में भेज दिया। श्रीवास्तव ने कहा कि जांच पूरी होने के बाद कार्रवाई तय की जाएगी।
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घटना के बारे में बताया जा रहा है कि रेणुकूट पुलिस चौकी प्रभारी अंजनी कुमार राय मंगलवार को अपनी पोस्ट पर तैनात थे, तभी बीजेपी नेता गिरी वहां पहुंचे और अभद्र टिप्पणी करते हुए होली के अभद्र गीत गाने लगे। इसपर जब पुलिस ने उन्हें यह सब रोकने को कहा, तो गिरी ने उनकी एक नहीं सुनी और बदतमीजी करने लगे। इस पर राय ने कथित तौर उन्हें थप्पड़ मार दिया। जिसके बाद कथित तौर पर अन्य पुलिसकर्मियों ने भी बीजेपी नेता को पीटना शुरू कर दिया। सुनील गिरी के चिल्लाने की आवाज सुनकर पार्टी कार्यकर्ता वहां पहुंच गए और उन्होंने गिरि को हिंडाल्को अस्पताल पहुंचाया।
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खबरों के अनुसार इसी बीच इलाके के इंस्पेक्टर अभय नारायण तिवारी और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए। उन्होंने स्थिति को शांत करने की कोशिश की, लेकिन बीजेपी कार्कर्ताओं के नहीं मानने पर उन्हें तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने हल्का बल प्रयोग कर उन्हें वहां से खदेड़ दिया। लेकिन थोड़ी देर बाद ही बीजेपी कार्यकर्ता वापस आकर राय के निलंबन की मांग को लेकर धरने पर बैठ गए।
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