उत्तराखंड में अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के बाद एक बार फिर से पेपर लीक हो गया है। इस बार उत्तराखंड में पटवारी भर्ती का पेपर लीक हो गया है। पटवारी भर्ती की परीक्षा 8 जनवरी रविवार को हुई थी। इस बार पटवारी भर्ती की परीक्षा राज्य लोक सेवा आयोग उत्तराखंड ने करवाई थी। इस संबंध में एसटीएफ ने लोक सेवा आयोग के अनुभाग अधिकारी संजीव चतुवेर्दी सहित सात लोगों को गिरफ्तार किया है। संजीव चतुवेर्दी के पास से आउट प्रश्न पत्र की कॉपियां व प्रश्न पत्र लीक कर अवैध रूप से कमाये गये 22 लाख 50 हजार रुपयों की बरामदगी भी हुई है।
इस बार धामी सरकार ने पारदर्शी भर्ती कराने की जिम्मेदारी राज्य लोक सेवा आयोग को दी थी, मगर आयोग द्वारा आयोजित दूसरा ही पेपर लीक हो गया। एसटीएफ को पेपर लीक से जुड़ी जानकारी मिली थी, जिसके बाद जांच शुरू की गई। सूचना की पुष्टि के लिए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ आयुष अग्रवाल द्वारा विस्तृत जांच की गई। जांच में आरोपों की पुष्टि होने पर जनपद हरिद्वार के थाना कनखल में आईपीसी की धारा 409, 420, 467, 468, 471, 120बी व 3/4 उत्तर प्रदेश/उत्तराखंड सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) निवारण अधिनियम 1998 के तहत केस दर्ज कराया गया। एसटीएफ इस पूरे मामले की जांच कर रही है और इस गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश कर रही है।
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अब तक जिनकी गिरफ्तारी हुई है उनमें संजीव चतुवेर्दी, राजपाल, संजीव कुमार, रामकुमार, संजीव चतुवेर्दी की पत्नी रितु, मनीष कुमार और प्रमोद शामिल है। एसएसपी एसटीएफ आयुष अग्रवाल ने बताया कि लोक सेवा आयोग उत्तराखंड द्वारा बीती 8 जनवरी 2023 को आयोजित लेखपाल और पटवारी के एग्जाम पेपर तैयार करने में आयोग के अति गोपन कार्यालय में अनुभाग- 3 द्वारा कार्य किया गया था। इसमें अनुभाग में नियुक्त अधिकारी संजीव चतुवेर्दी ने अपनी कस्टडी से प्रश्नपत्र को अपनी पत्नी रितु के साथ मिलकर संजीव कुमार को उपलब्ध कराया। इस पेपर लीक के एवज में संजीव कुमार ने रितु को मोटी नकद धनराशि दी।
इस प्रश्न पत्र को संजीव कुमार और राजपाल ने 35 अभ्यर्थियों को बांटा। जांच जारी है और अन्य अभियुक्तों और उनके द्वारा अवैध रूप से अर्जित धनराशि के संबंध में भी कार्यवाही की जा रही है। दरअसल, राज्य लोक सेवा आयोग के अतिगोपन अनुभाग-3 में अनुभाग अधिकारी संजीव चतुवेर्दी की बेटी हरिद्वार के एक कॉलेज में पढ़ती हैं। इस कॉलेज में दूसरा आरोपी राजपाल पढ़ाता था। कॉलेज आने-जाने के दौरान संजीव चतुवेर्दी की पहचान राजपाल से हुई और यहां से धीरे-धीरे पेपर लीक का प्लान बना। नौकरियों का सौदागर संजीव चतुवेर्दी उत्तराखंड लोक सेवा आयोग में रहकर वर्ष 2018 से भर्तियों में खेल करता आ रहा है।
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एसटीएफ की जांच में लेखपाल पटवारी भर्ती के अलावा तीन अन्य भर्तियों के पेपर लीक कर बेचने की पुष्टि हो चुकी है। इनमें जेई, एई और प्रवक्ता भर्तियां शामिल हैं। इनके पेपर के लिए संजीव पर 30 से 50 लाख रुपये प्रति अभ्यर्थी लेने का आरोप है। एसटीएफ इन भर्तियों में हुए खेल का भी जल्द खुलासा कर सकती है। अधिकारिक सूत्रों के अनुसार, एसटीएफ की गिरफ्त में आते ही संजीव चतुवेर्दी ने अपने सारे काले कारनामे तोते की तरह उगल दिए। उसने बताया कि उसने सिर्फ यही पेपर लीक नहीं कराया था बल्कि यह काम तो वह बीते चार साल से करता आ रहा है। जितना उसे याद था, उसमें से उसने तीन भर्तियों के नाम लिए। इनमें अवर अभियंता (जेई), सहायक अभियंता (एई) और प्रवक्ता भर्ती शामिल है।
ये भर्तियां आयोग ने वर्ष 2021 में निकाली थीं। इनके रिजल्ट आ चुके हैं। एसटीएफ की शुरूआती जांच में पता चला है कि इन भर्तियों के पेपर उसने बड़े दाम लेकर आउट किए थे। इनमें एई के पेपर के लिए 50 लाख रुपये प्रति अभ्यर्थी लिए गए। जबकि, जेई और प्रवक्ता के लिए प्रति अभ्यर्थी 30 से 35 लाख रुपये वसूल किए गए। एसटीएफ अब इन अभ्यर्थियों तक भी पहुंचने का प्रयास कर रही है।
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बताया जा रहा है कि इन भर्तियों में शामिल हुए नकलची अभ्यर्थियों के रिजल्ट भी रद्द करा दिए जाएंगे। साथ ही एसटीएफ इन सभी को भी आरोपी बना सकती है। एसटीएफ ने अब तक अभ्यर्थियों की संख्या की भी तस्दीक कर ली है। जेई भर्ती में तीन अभ्यर्थियों ने पेपर खरीदकर परीक्षा दी थी। जबकि, एई के लिए पांच अभ्यर्थियों ने पेपर खरीदा था। प्रवक्ता पद के लिए अब तक एसटीएफ तीन अभ्यर्थियों के नामों की पुष्टि कर चुकी है। बताया जा रहा है कि इनकी संख्या और भी हो सकती है। यदि संख्या ज्यादा हुई तो एसटीएफ इन परीक्षाओं को रद्द करने के लिए भी पत्र भेज सकती है।
अभी तक केवल 2021 में तीन भर्तियों पर दाग का पता चला है। सूत्रों के अनुसार, अभी आरोपियों से पूछताछ चल रही है। ऐसे में हो सकता है कि कुछ और परीक्षाओं पर भी इसी तरह से दाग हों। ऐसे में 2018 से अब तक की सभी परीक्षाओं की जांच भी की जा रही है। एसटीएफ इसके लिए आयोग के अधिकारियों से संपर्क कर सभी का विवरण जुटा रही है।
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