बिहार में शराबबंदी कानून की हालत पर राज्य में सीएम नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन के अंदर से भी सवाल उठने लगे हैं। अब सरकार में शामिल हिंदुस्तान आवाम मोर्चा के अध्यक्ष और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने शराबबंदी कानून को लेकर सीएम नीतीश से बड़ी मांग कर दी है। उन्होंने शराबबंदी को लेकर बुधवार को एक बयान जारी किया है, जिसके बाद बिहार की राजनीति में शराबबंदी का मुद्दा फिर से गरमा गया है।
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जीतन राम मांझी ने गुरुवार को नीतीश कुमार को संबोधित एक ट्वीट करते हुए उनसे मांग की है कि वो शराबबंदी कानून की सख्ती की वजह से जेल में बंद गरीब लोगों की जमानत की व्यवस्था कराएं। हालांकि उन्होंने शराबबंदी के लिए नीतीश को बधाई भी दी है। उन्होंने लिखा, “नीतीश कुमार से अनुरोध है कि वैसे गरीब जो शराबबंदी कानून के तहत छोटी गलतियों के चलते तीन महीने से जेल में बंद हैं, उनकी जमानत की व्यवस्था सुनिश्चित करवाएं। परिवार के मुखिया के जेल में बंद रहने के कारण उनके बच्चे भूखे हैं।”
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खास बात ये है कि मांझी की यह मांग ऐसे समय में सामने आई है, जब बिहार में कांग्रेस के नेताओं ने इस कानून पर सवाल उठाते हुए इसमें संशोधन की मांग की है। ऐसे में मांझी के ट्वीट से सकते में आई जेडीयू ने इस पर सफाई दी है। जेडीयू नेता नीरज कुमार ने बचाव करते हुए कहा कि शराबबंदी कानून बिहार को बदलने वाला है। साथ ही उन्होंने कहा कि मांझी ने जो मांग रखी है, उस पर एनडीए के सभी घटक के नेता विचार करेंगे।
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बता दें कि बिहार में पिछले कुछ सालों से पूर्ण शराबबंदी कानून लागू है, जिसके तहत शराब पीने, रखने और बेचते पाए जाने पर सजा और जेल का प्रावधान है। लेकिन इस कानून की जमीनी हकीकत कुछ और ही है। विपक्ष समेत कई सामाजिक संगठनों का आरोप है कि पूरे बिहार में धड़ल्ले से शराब की बिक्री और इसका सेवन हो रहा है। कानून की वजह से उल्टा कीमत बहुत बढ़ गई है। हाल में आए एक सरकार सर्वे में भी बिहार में लोगों के बड़े पैमाने पर शराब पीने की बात सामने आई है।
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