अब विदेश में रहने के दौरान भी कोई भी भारतीय अपने ड्राइविंग लाइसेंस का आसानी से रिनूवल करा सकेगा। इतना ही नहीं इंटरनेशनल ड्राइविंग परमिट (आईडीपी) के लिए वीजा और मेडिकल सर्टिफिकेट की शर्तों को भी हटाने की तैयारी है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने विदेश में रहने के दौरान ऐसे नागरिकों के अंतरराष्ट्रीय ड्राइविंग परमिट (आईडीपी) की अवधि समाप्त होने पर रिनूवल (नवीनीकरण) की प्रक्रिया को और सरल बनाने की तैयारी की है। इसके लिए मोटर वाहन अधिनियम-1989 में संशोधन का प्रस्ताव है।
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इस संशोधन के लिए मंत्रालय ने लोगों से सुझाव भी मांगे हैं। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने कहा है कि संज्ञान में आया है कि विदेश में रहने के दौरान अंतरराष्ट्रीय ड्राइविंग परमिट की अवधि समाप्त हो जाने पर उसके नवीनीकरण (रिनूवल) के लिए कोई तंत्र नहीं है। ऐसे नागरिकों को सुविधा प्रदान करने के लिए सीएमवीआर-1989 में संशोधन करने का प्रस्ताव है। विदेश में रहने वाले नागरिक भारतीय दूतावास या मिशन एब्रोड पोर्टल्स के जरिए आवेदन कर सकते हैं और इसके बाद आवेदन संबंधित आरटीओ के पास विचार के लिए जाएगा।
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खास बात है कि विदेश में रहते हुए आईडीपी के लिए अनुरोध करने के समय एक चिकित्सा प्रमाण पत्र और प्रमाणिक वीजा की शर्तों को हटाया जाना भी इस प्रस्ताव में शामिल है। क्योंकि जिन नागरिकों के पास प्रमाणिक ड्राइविंग लाइसेंस हैं, उन्हें अन्य चिकित्सा प्रमाण पत्र की आवश्यकता नहीं होनी चाहिए। इसके अलावा कुछ ऐसे देश हैं जहां वीजा ऑन अराइवल है और ऐसे मामलों में यात्रा से पूर्व भारत में आईडीपी के लिए आवेदन करते समय वीजा उपलब्ध नहीं होता।
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सड़क परिवहन मंत्रालय ने इस संबंध में भी लोगों से सुझाव भी मांगे हैं। सुझावों को अधिसूचना जारी होने के 30 दिनों के भीतर संयुक्त सचिव (एमवीएलआईटी एंड टॉल) सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, परिवहन भवन, पार्लियामेंट स्ट्रीट, नई दिल्ली पर भेजा जा सकता है।
(आईएएनएस के इनपुट के साथ)
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