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रसायन विज्ञान के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार का ऐलान, डेविड बेकर, डेमिस हसाबिस और जॉन जम्पर को मिला सम्मान

डेविड बेकर ने 'कम्प्यूटेशनल प्रोटीन डिजाइन' बनाने में असंभव उपलब्धि हासिल की है। वहीं, डेमिस हसाबिस और जॉन एम. जम्पर ने प्रोटीन की जटिल संरचनाओं की भविष्यवाणी करने की 50 साल पुरानी समस्या को हल करने के लिए एक एआई मॉडल विकसित किया है।

रसायन विज्ञान के क्षेत्र में डेविड बेकर, डेमिस हसाबिस और जॉन जम्पर को मिला नोबेल पुरस्कार
रसायन विज्ञान के क्षेत्र में डेविड बेकर, डेमिस हसाबिस और जॉन जम्पर को मिला नोबेल पुरस्कार फोटोः IANS

रसायन विज्ञान के क्षेत्र में साल 2024 के लिए नोबेल पुरस्कार विजेताओं के नाम का ऐलान कर दिया गया है। इस बार तीन वैज्ञानिकों को नोबेल प्राइज दिया जाएगा। इनमें गूगल डीपमाइंड के दो वैज्ञानिक डेमिस हसाबिस और जॉन एम. जम्पर और वाशिंगटन विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डेविड बेकर शामिल हैं। वैज्ञानिकों ने प्रोटीन डिजाइन और संरचना पर शोध के लिए यह प्रतिष्ठित पुरस्कार जीता है।

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अकादमी ने कहा कि नोबेल पुरस्कार की 11 मिलियन स्वीडिश क्रोनर की राशि तीनों वैज्ञानिकों में बराबर बांटी जाएगी। अकादमी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज ने रसायन विज्ञान में 2024 का नोबेल पुरस्कार देने का फैसला किया है। इस साल रसायन विज्ञान के नोबेल को दो हिस्सों में दिया जाएगा, जिनमें से डेविड बेकर को 'कम्प्यूटेशनल प्रोटीन डिजाइन' के लिए और दूसरा आधा हिस्सा डेमिस हसबिस और जॉन एम. जम्पर को 'प्रोटीन संरचना भविष्यवाणी' के लिए दिया जाएगा।

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डेमिस हसाबिस वर्तमान में यूके में गूगल डीपमाइंड के सीईओ हैं और जम्पर गूगल डीपमाइंड में वरिष्ठ शोध वैज्ञानिक हैं। वहीं, बेकर ने 'प्रोटीन संरचना' बनाने में असंभव उपलब्धि हासिल की है। हसबिस और जम्पर ने प्रोटीन की जटिल संरचनाओं की भविष्यवाणी करने की 50 साल पुरानी समस्या को हल करने के लिए एक एआई मॉडल विकसित किया है। नोबेल कमेटी फॉर केमिस्ट्री के अध्यक्ष हेनर लिंके ने कहा, "इस वर्ष मान्यता प्राप्त एक खोज शानदार प्रोटीन के निर्माण से संबंधित है। दूसरा 50 साल पुराने सपने को पूरा करने के बारे में है। इन दोनों खोजों से व्यापक संभावनाएं हैं।"

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बेकर ने एक नए प्रोटीन को डिजाइन करने के लिए 20 अमीनो एसिड का उपयोग करने में सफलता प्राप्त की। उसके बाद से उनकी शोध टीम ने एक के बाद एक कल्पनाशील प्रोटीन का निर्माण किया है, इनमें ऐसे प्रोटीन शामिल हैं, जिनका इस्तेमाल फार्मास्यूटिकल्स, वैक्सीन, नैनो मटेरियल और छोटे सेंसर के रूप में किया जा सकता है।

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