वैश्विक स्तर पर उपलब्ध कोविड-19 टीके अब भारत में बिना क्लिनिकल परीक्षण की मंजूरी के लॉन्च किये जा सकते हैं। भारत के औषधि महानियंत्रक ने एक अधिसूचना में कहा है कि जिन कोरोना टीकों को यूएस एफडीए, ईएमए, यूके एमएचआरए और पीएमडीए जापान द्वारा प्रतिबंधित उपयोग के लिए अनुमोदित किया गया है और डब्ल्यूएचओ आपातकालीन उपयोग सूची (ईयूएल) के तहत जिनका लाखों व्यक्तियों को टीका लगाया गया है, उन्हें परीक्षण की आवश्यकता से छूट दी जा सकती है। इसके लिए जरूरी है कि वैक्सीन बैच को मूल देश की राष्ट्रीय नियंत्रण प्रयोगशाला द्वारा प्रमाणित और जारी किया गया हो।
Published: 02 Jun 2021, 5:11 PM IST
हालांकि, मानक प्रक्रियाओं के अनुसार बैच रिलीज के लिए सीडीएल, कसौली द्वारा उनके सारांश लॉट प्रोटोकॉल और बैच के विश्लेषण के प्रमाण पत्र की जांच और समीक्षा की जाएगी और सुरक्षा दृष्टिकोण से 7 दिनों के लिए पहले 100 लाभार्थियों के मूल्यांकन की आवश्यकता होगी। आगे टीकाकरण कार्यक्रम और अनुप्रयोगों के लिए अन्य प्रक्रियाएं समान रहेंगी।
Published: 02 Jun 2021, 5:11 PM IST
भारत के औषधि महानियंत्रक द्वारा जारी यह मंजूरी पहले फाइजर और मॉर्डना के टीकों पर लागू होने की संभावना है। एस्ट्राजेनेका के कोविशील्ड और रूस के स्पुतनिक को पहले ही मंजूरी मिल चुकी है। यह स्पष्ट नहीं है कि चीन के टीके इस दायरे में आएंगे या नहीं और उसे भारत में मंजूरी मिलेगी या नहीं।
Published: 02 Jun 2021, 5:11 PM IST
गौरतलब है कि देश में जारी कोरोना महामारी के कहर में वैक्सीन की कमी लगातार सामने आ रही है। ऐसे में वैश्विक टीकों को भारत में क्लिनिकल परीक्षण से छूट राष्ट्रीय आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए बाहरी टीकों की उपलब्धता को बढ़ाने के लिए किया जा रहा है। हालांकि इस प्रक्रिया में घरेलू विनिर्माण को नजरअंदाज किया जा रहा है।
(आईएएनएस के इनपुट के साथ)
Published: 02 Jun 2021, 5:11 PM IST
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Published: 02 Jun 2021, 5:11 PM IST