बॉम्बे हाईकोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि फिल्म स्टार शाहरुख खान के पुत्र आर्यन खान के पास से किसी किस्म का कोई ड्रग या कोई अन्य सब्सटेंस बरामद नहीं हुआ था। इसके अलावा आर्यन खान, उनके साथी अरबाज मर्चेंट या फैशन मॉडल मुनमुन धमेचा किसी अपराध को अंजाम देने की साजिश में शामिल नहीं थे। कोर्ट ने कहा है कि इसी आधार पर इन लोगों को एक लाख रुपए के निजी मुचलके पर जमानत दी गई है। हाईकोर्ट ने जमानत आदेश की विस्तारित कॉपी आज (शनिवार को) जारी की।
हाईकोर्ट ने कहा कि आर्यन खान के फोन से मिले व्हाट्सऐप चैट में कोई ऐसी आपत्तिजनक बात नहीं मिली जिससे साबित होता हो या संकेत मिलता हो कि वह, अरबाज मर्चेंट और मुनमुन धमेचा और अन्य अभियुक्तों ने कोई अपराध करने की साजिश रची है। ध्यान रहे कि आर्यन खान को मुंबई क्रूज केस में मुंबई एनसीबी ने गिरफ्तार किया था और उन्हें करीब एक महीने बाद हाईकोर्ट से जमानत मिली थी।
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हाईकोर्ट के आदेश में यह भी कहा गया है कि एनसीबी ने आर्यन खान का इकबालिया बयान एनडीपीएस एक्ट की धारा 67 के तहत रिकॉर्ड किया था, जिसे सिर्फ जांच के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है और इससे यह नतीजा नहीं निकाला जा सकता कि अभियुक्त ने एनडीपीएस एक्ट के तहत कोई अपराध किया है।
हाईकोर्ट ने एनसीबी की इस दलील को खारिज कर दिया कि सभी अभियुक्तों को एक साथ ही माना जाए। कोर्ट ने कहा कि, “ऐसा कोई सबूत नहीं है जिससे साबित होता हो कि सभी अभियुक्तों की मंशा एक थी।” कोर्ट ने अपने 14 पन्ने के आदेश में यह भी कहा कि अभी तक हुई जांच से सिर्फ यह सामने आया है कि आर्यन खान और अरबाज मर्चेंट मुनमुन धमेचा से अलग यातरा कर रहे थे और किसी अपराध के लिए उनमें कोई आपसी सहमति नहीं थी।
कोर्ट ने यह भी कहा कि तीनों अभियुक्त पहले ही 25 दिनों तक सजा काट चुके हैं और इस दौरान अभियोजन ने एक बार भी उनका मेडिकल परीक्षण नहीं कराया जिससे पता चलता कि उन्होंने ड्र्ग्स लिया है या नहीं।
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