लोकसभा में मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के दौरान विपक्षी पार्टियों ने कई मुद्दों को लेकर सरकार की आलोचना की। एनडीए के पूर्व सहयोगी तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) ने पीएम मोदी पर आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा नहीं देकर राज्य को धोखा देने का आरोप लगाया। टीडीपी नेता जयदेव गल्ला ने कहा कि वह नैतकिता और बहुमत के बीच की लड़ाई लड़ रही है। उन्होंने कहा कि आंध्र प्रदेश के लोग अधूरे वादे से थक गए हैं और यह प्रस्ताव संसद के लिए किए गए वादे को निभाने का लिटमस टेस्ट है। उन्होंने कहा कि राज्य के लोगों के लिए न्याय प्राप्त करना एक धर्म युद्ध है। बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने आंध्र प्रदेश के पार्टी नेताओं को मार्च में टीडीपी के खिलाफ युद्ध छेड़ने को कहा था।
इस दौरान जयदेव गल्ला ने कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, तृणमूल कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, आम आदमी पार्टी, सीपीएम और एआईएमआईएम को प्रस्ताव का समर्थन करने के लिए धन्यवाद दिया।
समाजवादी पार्टी के मुलायम सिंह यादव ने लोकसभा में किसानों का मुद्दा उठाया है। उन्होंने कहा, “खेती से जुड़ी सभी चीजें महंगी हो गई हैं। व्यापारी, किसान और बेरोजगार युवा, सभी परेशानियों का सामना कर रहे हैं। आज भारतीय जनता पार्टी के सदस्य भी नाखुश हैं। कुछ मेरे सामने रो भी चुके हैं। इन्होंने कई वादे किए लेकिन कुछ भी नहीं हुआ। किसान और व्यापारी बर्बाद हो गए हैं।”
तृणमूल कांग्रेस के सांसद सौगत रॉय ने भी मोदी सरकार के खिलाफ हमला बोला। उन्होंने कहा कि एक है ललित मोदी, एक नीरव मोदी और एक बड़ा मोदी। यही मोदी सिंडिकेट देश को लूट रहा। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में रैली के लिए पीएम गुजरात वाले अपने मोटा भाई को भेजें, पीएम क्यों घूम-घूमकर रैली कर रहे हैं, यह शर्म की बात है। उन्होंने कहा कि पीएम को फेरी वाले की तरह घूमना नहीं चाहिए लेकिन पीएम को इसकी आदत पड़ गई है। पीएम की विदेश यात्रा पर 1800 करोड़ रुपये का खर्चा हुआ है।
Published: 20 Jul 2018, 4:41 PM IST
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के नेता मोहम्मद सलीम ने मोदी सरकार पर हमलों की शुरुआत शायराना अंदाज में करते हुए पूछा कि क्या हुआ तेरा वादा। उन्होंने कहा कि जो वादा किया था वो निभाना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि यह सरकार बड़े-बड़े विज्ञापन देकर डिजिटल इंडिया की बात करती है लेकिन इसके पास कोई आंकड़े नहीं हैं। जब इनसे पूछा जाता है कि कितने लोगों को रोजगार दिया तो कहते हैं कि बड़ी संख्या में नौकरियां दी गयी हैं लेकिन उसके आंकड़े नहीं हैं।
उन्होंने आगे कहा कि सरकार कहती है कि कालाधन वापस आ रहा है, लेकिन कितना आ रहा है, इसके आंकड़े नहीं हैं। उन्होंने कहा कि इस सरकार ने नोटबंदी कर दी लेकिन यह नहीं बता पाये कि कितना कालाधन मिला और कितने नोट वापस आये।
उन्होंने आगे कहा कि सरकार ने दावे किये कि दुकानें और गांव कैशलेस हो गये हैं लेकिन आज जाकर देखिये वहां क्या स्थिति है। सब वापस नोटों पर आ गये हैं। नोटबंदी से पहले जितने नोट बाजार में थे आज उससे ज्यादा हैं यह सरकार की गलत आर्थिक नीतियों के चलते हुआ है।
इससे पहले बीजू जनता दल (बीजद) के सदस्य अविश्वास प्रस्ताव का बहिष्कार करते हुए सदन से वाकआउट कर गए। सदन में बीजद के 19 सदस्य हैं ।
(आईएएनएस के इनपुट के साथ)
Published: 20 Jul 2018, 4:41 PM IST
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Published: 20 Jul 2018, 4:41 PM IST