सुप्रीम कोर्ट से क्यूरेटिव खारिज होने के बाद निर्भया केस में दोषियों में से एक विनय शर्मा बहुत परेशान है। खबरों की माने तो मंगलवार को विनय शर्मा ने अपने पिता से मुलाकात की। बताया जा रहा है कि मुलाकात के बाद विनय शर्मा रो पड़ा। उसने पिता से खुद को एक बार गले लगाने की भी गुजारिश की। ये मुलाकात जेलर के ऑफिस में कराई गई थी।
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खबरों के मुताबिक, विनय शर्मा ने अपने पिता से मुलाकात करने के लिए जेल प्रशासन से आग्रह किया था। उस आग्रह को मानकर जेल प्रशासन ने मंगलवार को उसके पिता से उसकी मुलाकात करा दी। तिहाड़ जेल के सूत्रों की मानें तो विनय शर्मा के बाद अगर दूसरा अधिक परेशान होने वाला मुकेश था। बाकी पवन और अक्षय शांत और चुप रह रहे हैं। क्यूरेटिव खारिज होने के बाद सबसे बड़ा झटका निर्भया के कातिलों में से एक विनय को लगा। जैसे ही इसे टीवी पर इसका पता लगा। यह बहुत परेशान हो गया।
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खबरों की मानें तो दोषी विनय की अपने परिवार से अंतिम मुलाकात थी या नहीं, इस बारे में जेल प्रशासन ने खुलासा नहीं किया है। लेकिन आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि 20 जनवरी को निर्भया के चारों गुनहगारों को उनके परिवार से अंतिम बार मिलने का मौका दिया जाएगा।
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बता दें कि निर्भया रेप केस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मंगलसवार को सुनवाई के बाद दोषी विनय और मुकेश की क्यूरेटिव याचिका खारिज कर दी। जस्टिस एनवी रमना, जस्टिस अरुण मिश्रा, जस्टिस रोहिंटन फली नरीमन, जस्टिस आर. भानुमति और जस्टिस अशोक भूषण की पांच जजों वाली पीठ ने दोनों दोषियों की याचिका खारिज की।
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बता दें कि इस केस के चारों दोषियों को निचली अदालत ने 9 जनवरी को डेथ वॉरंट जरी करते हुए 22 जनवरी को फांसी पर लटकाने का आदेश दिया था। इसके बाद विनय और मुकेश ने अपने कानूनी अधिकार का इस्तेमाल करते हुए क्यूरेटिव याचिका दाखिल की थी। इस याचिका में फांसी की सजा को उम्रकैद में बदलने की मांग की गई थी। विनय शर्मा के वकील ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट सहित सभी अदालतों ने मीडिया और नेताओं के दबाव में आकर उन्हें दोषी ठहराया है। गरीब होने के कारण उसे मौत की सजा सुनाई गई है।
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बता दें कि 6 दिसंबर 2012 को इंसानियत को शर्मसार कर देने वाले निर्भया गैंगरेप मामले के चार दोषियों- अक्षय, पवन, विनय और मुकेश को निचली अदालत से मिली फांसी की सजा को सभी उच्च न्यायालयों से बरकरार रखा गया है। चारों दोषियों की फांसी की सजा में देरी पर पीड़िता के परिवार ने पटियाला हाउस कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसमें चारों दोषियों को फांसी देने की मांग की गई थी। इस याचिका पर कोर्ट ने 9 जनवरी को सभी चारों दोषियों के खिलाफ डेथ वॉरंट जारी किया था। चारों दोषियों को 22 जनवरी को सुबह 7 बजे फांसी दी जानी है।
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