राष्ट्रीय जांच एजेंसी यानी एनआईए ने सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) मामले में एक दर्जन से अधिक लोगों को नोटिस भेजे हैं। NIA ने अमेरिका स्थित सिख्स फॉर जस्टिस संगठन के खिलाफ दर्ज FIR के सिलसिले में पंजाब में कई लोगों को नोटिस जारी किए हैं। जिन लोगों को नोटिस भेजा गया है उनमें एक पत्रकार और तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन से जुड़े किसान नेता और अन्य शामिल हैं। कुल मिलाकर 12 से ज्यादा लोगों को ये नोटिस जारी किए गे हैं।
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राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने आतंकी फंडिंग से जुड़े मामले में किसान संगठन के नेता बलदेव सिंह सिरसा को भी पूछताछ के लिए बुलाया है। आपको बता दें, लोक भलाई इंसाफ वेलफेयर सोसायटी (एलबीआईडब्ल्यूएस) के अध्यक्ष सिरसा का संगठन उन किसान संगठनों में शामिल है, जो केंद्र के साथ बातचीत में शामिल है।
एनआईए द्वारा नोटिस मिलने के बाद किसान संगठनों ने आरोप लगाया है कि NIA का इस्तेमाल कर तीन कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे प्रदर्शन का समर्थन कर रहे लोगों को टारगेट किया जा रहा है। गौरतलब है कि कृषि संगठनों ने 15 जनवरी को केंद्र सरकार के साथ दिल्ली के विज्ञान भवन में हुई 9वें दौर की बातचीत में भी इस मुद्दे को उठाया था। जिन लोगों को नोटिस भेजा गया है इनमें से एक कृषि यूनियन नेता बलदेव सिंह सिरसा भी हैं। एक वेबसाइट की रिपोर्ट के मुताबिक इस लिस्ट में एक टूरिस्ट बस ऑपरेटर, एक नट-बोल्ट मैन्युफेक्चरर और एक केबल टीवी ऑपरेटर का भी नाम शामिल है। हालांकि, और भी लोगों को नोटिस भेजे गए हैं, जिनमें एक पत्रकार और अलग-अलग NGO के लिए काम करने वाले लोग शामिल हैं।
FIR में क्या कहा गया?
संबंधित FIR 40/2020 15 दिसंबर 2020 को दिल्ली में तीन आरोपियों के खिलाफ दर्ज हुई थी। ये तीन लोग हैं- अमेरिका के गुरपतवंत सिंह पन्नू, यूके के परमजीत सिंह पम्मा और कनाडा के हरदीप सिंह निज्जर। पन्नू सिख्स फॉर जस्टिस के प्रमुख हैं। FIR के मुताबिक, "केंद्र सरकार को जानकारी मिली है कि सिख्स फॉर जस्टिस और दूसरे कई खालिस्तानी आतंकी संगठन डर का माहौल बनाने और लोगों के बीच असंतोष फैलाने की साजिश कर रहे हैं और लोगों को सरकार के खिलाफ विद्रोह करने के लिए उकसा रहे हैं।" इतना ही नहीं FIR में आरोप लगाया गया कि इस 'साजिश' के लिए 'विदेश में फंड इकट्ठे' किए जा रहे हैं।
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