तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों को तोड़ने की केंद्र ने हर तरह से कोशिश कर ली है। लेकिन वो अपने इस मकसद में कामयाब नहीं हो पा रही है। ऐसा आरोप किसान नेताओं द्वारा कई बार लगाए गए हैं। एक बार फिर केंद्र पर ऐसे ही आरोप लगाए जा रहे हैं। इस बार ये आरोप LBIWS के अध्यक्ष बलदेव सिंह सिरसा ने लगाए हैं।
सिरसा ने ये आरोप राष्ट्रीय जांच एजेंसी द्वारा भेजे गए समन को लेकर लगाए हैं। अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए, सिरसा ने केंद्र सरकार पर किसान आंदोलन को पटरी से उतारने की कोशिश करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि पहले सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के जरिए किसान आंदोलन को खत्म करने की कोशिश की और वो NIA का इस्तेमाल कर रही है। आपको बता दें, एनआईए ने लोक भलाई इंसाफ वेलफेयर सोसाइटी के अध्यक्ष बलदेव सिंह सिरसा को पूछताछ के लिए समन भेजा है। ये समन गैरकानूनी संगठन सिख फॉर जस्टिस के खिलाफ एक केस के संबंध में भेजा गया है।
सिरसा ने कहा कि कई लोग जो किसान आंदोलन से जुड़े हैं, उन्हें ये सम्मन भेजे गए हैं। इससे किसानों के लिए काम करने वाले लोगों को डराया जा रहा है, लेकिन हम इससे प्रभावित होने वाले नहीं हैं। हम नहीं झुकेंगे। 26 जनवरी को किसान परेड की जांच के लिए NIA दिन-रात काम कर रही है। इतना ही नहीं किसान नेताओं ने कल की बैठक में NIA की छापेमारी का भी मुद्दा उठाया था, जिस पर सरकार ने अपनी सफाई देते हुए कहा कि हमारी ऐसी कोई मंशा नहीं है।
समन जारी कर बलदेव सिंह सिरसा को 17 जनवरी को नई दिल्ली में NIA हेडक्वार्टर में SFJ के गुरपतवंत सिंह पन्नू के खिलाफ एक मामले में पूछताछ के लिए पेश होने को कहा गया है। पन्नू के खिलाफ भय और अराजकता का माहौल बनाने और सरकार के खिलाफ भड़काने और विद्रोह के लिए उकसाने की कथित साजिश रचने का आरोप है। आपको बता दें, लोक भलाई इंसाफ वेलफेयर सोसाइटी सरकार के साथ नए कृषि कानूनों पर बातचीत में शामिल होने वाले यूनियनों में से एक है। सरकार के साथ शुक्रवार को 9वें दौर की बातचीत में LBIWS की तरफ से पूरन सिंह भी शामिल हुए थे।
Published: undefined
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia
Published: undefined