राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने मेघालय के मुख्यमंत्री के एक ज्ञापन का संज्ञान लिया है, जिसमें 22 नवंबर को मेघालय-असम सीमा पर हुई गोलीबारी में एक वनकर्मी सहित 6 लोगों की मौत हो गई थी। आयोग ने इसको लेकर केंद्रीय गृह सचिव और असम के मुख्य सचिव से सीमा विवाद वाले क्षेत्रों में ऐसी घटनाएं रोकने के लिए उपाय सुझाने और जवाब देने को कहा है।
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राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने बताया कि पश्चिम जयंतिया हिल्स के मुकरोह गांव में असम पुलिस और असम वन रक्षकों द्वारा की गई गोलीबारी में असम के एक वन अधिकारी सहित 6 लोगों की मौत हो गई थी। आयोग ने पाया है कि ऐसा लगता है कि यह घटना दो राज्यों-असम और मेघालय के बीच सीमा विवाद के कारण हुई है, जो कि एक बड़ा मुद्दा है और लंबे समय से लंबित है। आयोग ने कहा कि प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत होता है कि यदि इस विवाद का समाधान हो जाता तो इस प्रकार की घटना टल जाती।
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आयोग ने ये भी कहा कि राज्यों के बीच विवाद चाहे जो भी हो, ऐसी स्थितियों में पुलिस को संयम बरतना होता है। इसलिए, आयोग पड़ोसी राज्यों के बीच सीमा विवाद के क्षेत्रों में सशस्त्र बलों/पुलिस द्वारा गोलीबारी के संचालन के बारे में एसओपी, यदि कोई हो, की जांच करना चाहेगा। मामले में आयोग ने केंद्रीय गृह सचिव और असम के मुख्य सचिव को नोटिस भेजकर इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए तंत्र की जांच और उपायों का सुझाव देने के लिए कहा है। दो हफ्ते के भीतर जवाब देने को कहा गया है।
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आयोग के मुताबिक कथित तौर पर यह घटना असम पुलिस और असम वन रक्षकों द्वारा लकड़ी ले जा रहे एक ट्रक का पीछा करने के बाद हुई। इन बलों द्वारा ट्रक को मुकरोह गांव में हिरासत में लिया गया था। वहां के ग्रामीण अपने गांव में असम पुलिस की एंट्री से आक्रोशित हो गए और उन्होंने असम पुलिस और असम वन रक्षकों को घेर लिया, जिसमें गोलीबारी हुई। इस घटना में कुल 6 लोगों की मौत हो गई थी।
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