राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने बृहस्पतिवार को कहा कि उसने इस महीने की शुरुआत में पटना में एक सरकारी आश्रय गृह में संदिग्ध भोजन विषाक्तता के कारण हुई मौतों पर बिहार सरकार और राज्य के पुलिस प्रमुख को नोटिस जारी किया है। एनएचआरसी ने दो सप्ताह के भीतर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।
अधिकारियों ने कहा था कि पटना के पटेल नगर में दिव्यांग महिलाओं के आश्रय गृह ‘आशा गृह’ में संदिग्ध भोजन विषाक्तता के कारण तीन लोगों की मौत हो गई और 12 अन्य बीमार पड़ गए।
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एनएचआरसी ने मीडिया में आई घटना से संबंधित खबरों पर स्वत: संज्ञान लिया है। इसने एक बयान में कहा कि ऐसी खबर है कि आश्रय गृह में रहने वालों ने भोजन करने के बाद उल्टी और दस्त की शिकायत की थी। उन्हें पटना मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में भर्ती कराया गया।
बयान में कहा गया कि आश्रय गृह को कथित तौर पर बिहार सरकार के दिव्यांग सशक्तीकरण निदेशालय द्वारा वित्त पोषित किया जाता है।
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एनएचआरसी ने कहा कि मीडिया में आई खबर यदि सच है तो यह मानवाधिकार उल्लंघन का गंभीर मुद्दा है।
इसने कहा, ‘‘आश्रय गृह में रहने वालों के वैध संरक्षक के रूप में आश्रय गृह के अधिकारी वहां रहने वालों को उचित देखभाल प्रदान करने के लिए जिम्मेदार हैं। तदनुसार, एनएचआरसी ने बिहार के मुख्य सचिव को नोटिस जारी कर दो सप्ताह के भीतर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।’’
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बयान में कहा गया कि आयोग यह भी जानना चाहेगा कि क्या प्रशासन द्वारा पीड़ितों या परिजनों को कोई मुआवजा प्रदान किया गया है। एनएचआरसी ने कहा कि मुख्य सचिव से यह भी अपेक्षा की जाती है कि वह आयोग को ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए उठाए गए या प्रस्तावित कदमों के बारे में सूचित करें।
मीडिया में आईं खबरों के मुताबिक, आश्रय गृह के निरीक्षण के दौरान अधिकारियों ने पाया कि वहां रहने वाले लोग ‘‘अस्वच्छ परिस्थितियों’’ में रह रहे थे। एनएचआरसी ने कहा कि आश्रय गृह में भोजन तैयार करने में उचित स्वच्छता नहीं रखी जा रही थी।
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