चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के महाभियोग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका की सुनवाई जस्टिस एके सीकरी के नेतृतव में पांच सदस्यों वाली संविधान पीठ करेगी। इसमें जस्टिस सीकरी के अलावा जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस एनवी रमन्ना, जस्टिस अरुण मिश्रा और जस्टिस एके गोयल शामिल है।
जस्टिस सीकरी वरिष्ठता क्रम में जस्टिस जे चेलमेश्वर, जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस एमबी लोकुर और जस्टिस कुरियन जोसेफ के बाद आते हैं। इन चारों जजों ने 12 जनवरी को ऐतिहासिक प्रेस कांफ्रेंस कर यह कहा था कि सुप्रीम कोर्ट में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है।
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आज सुबह उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू द्वारा चीफ जस्टिस के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव खारिज करने के फैसले को कांग्रेस के राज्यसभा सांसदों ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। कांग्रेस के राज्यसभा सांसद प्रताप सिंह बाजवा और सांसद अमी हर्षदरे की तरफ से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल और प्रशांत भूषण ने जस्टिस चेलमेश्वर की बेंच के सामने इस याचिका को रखा था।
सुनवाई के दौरान सिब्बल ने कहा था कि यह केस चीफ जस्टिस के ही खिलाफ है, इसलिए वे ‘मास्टर ऑफ रोस्टर’ की हैसियत से यह तय नहीं कर सकते कि इस केस की सुनवाई कैसे हो। इस मसले पर काफी बहस के बाद जस्टिस चेलमेश्वर ने कहा, “हम कल इस पर चर्चा करेंगे...आप कल आएं।”
इस बीच मामले की सुनवाई के लिए संविधान पीठ गठित कर दी गई है।
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