हालात

चीन में उईगर मुसलामानों पर अत्याचार का नया दौर, जबरन नसबंदी और गर्भपात से आबादी रोकने की कोशिश

चीन में उईगर मुसलामानों के साथ चीन की सरकार का रवैया और उनके लिए चलाए जा रहे सुधार केंद्र लंबे समय से चर्चा में रहे हैं। अब सामने आया है कि चीन में उईगर मुसलामानों की आबादी रोकने के लिए जबरन नसबंदी और गर्भपात तक कराया जा रहा है।

फोटोः सोशल मीडिया
फोटोः सोशल मीडिया 

चीन की सरकार उईगर मुसलामानों और अन्य अल्पसंख्यकों की आबादी को नियंत्रित करने के लिए कुछ बेहद कठोर कदम उठा रही है। समाचार एजेंसी एपी ने कुछ सरकारी दस्तावेजों और आकड़ों का आकलन और ऐसे कुछ लोगों से बात कर जो "सुधार केंद्र" में वक्त गुजार चुके हैं, ये दावा किया है। इसके अलावा एपी ने ऐसे एक केंद्र में काम कर चुके एक ट्रेनर और इन कैंपों में भेजे गए कई लोगों के रिश्तेदारों से भी बात की है।

इस छानबीन के अनुसार पिछले चार सालों में शिनजियांग प्रांत में बहुत व्यवस्थित रूप से अल्पसंख्यकों की आबादी बढ़ने से रोकी जा रही है। कुछ जानकार इसे "जनसांख्यिकी नरसंहार" का नाम भी दे रहे हैं। शिनजियांग में चल रहे इस जन्म नियंत्रण अभियान पर चीनी सरकार ने कोई प्रतिक्रया तो नहीं दी है, लेकिन वह पहले यह जरूर कह चुकी है कि मुसलामानों की बढ़ती आबादी गरीबी और चरमपंथ को बढ़ावा देती है।

Published: undefined

लाखों महिलाओं का गर्भपात

इस रिपोर्ट के अनुसार उईगर महिलाओं का नियमित रूप से प्रेगनेंसी टेस्ट किया जाता है। उन्हें गर्भनिरोधन के लिए तरह-तरह की चीजें इस्तेमाल करने पर मजबूर किया जाता है। इतना ही नहीं, अब तक लाखों महिलाओं का जबरन गर्भपात भी कराया जा चुका है। चीन में एक बच्चे की नीति खत्म किए जाने के बाद परिवार नियोजन के लिए इस्तेमाल होने वाले आईयूडी जैसे- कॉपर टी इत्यादि के इस्तेमाल में भारी गिरावट देखी गई है। लेकिन आंकड़े दिखाते हैं कि पिछले कुछ सालों में शिनजियांग में इनका इस्तेमाल और बढ़ गया है।

रिपोर्ट के अनुसार, साल 2014 में अकेले शिनजियांग प्रांत में दो लाख आईयूडी इस्तेमाल किए गए थे। 2018 में यह संख्या 3,30,000 पहुंच गई, यानी 60 फीसदी की बढ़ोतरी। इसी दौरान चीन के बाकी हिस्सों में इनका इस्तेमाल कम हुआ, क्योंकि "एक बच्चा नीति" खत्म होने के बाद महिलाएं इन्हें अपने शरीर से निकलवाने लगीं। इसी दौरान शिनजियांग में नसबंदी के मामलों में भी तेजी से बढ़ोतरी देखी गई। 2016 से 2018 के बीच यहां 60,000 लोगों की नसबंदी की गई।

Published: undefined

जुर्माना या सुधार केंद्र का खौफ

चीन में ज्यादा बच्चे होना यूं भी डिटेंशन सेंटर में भेजे जाने की एक वजह माना जाता है। एपी ने पाया कि तीन या उससे अधिक बच्चे होने के मामलों में माता-पिता को बच्चों से अलग कर सुधार केंद्र में भेज दिया गया। उनके आगे शर्त रखी गई कि या तो वे भारी जुर्माना भरें या परिवार से अलग हो जाएं।

Published: undefined

कजाक मूल की चीनी महिला गुलनार ओमिरजाक को तीसरा बच्चा होने के बाद सरकार की ओर से शरीर में आईयूडी लगवाने का आदेश मिला। इसके बाद वर्दी पहने चार सैनिक उनके घर आए और उन्हें करीब 2700 डॉलर का जुर्माना भरने को कहा। उन पर आरोप लगा कि उन्होंने दो से ज्यादा बच्चे पैदा करने का जुर्म किया है। गुलनार के पति सब्जी बेच कर घर चलाते थे। उन्हें सुधार केंद्र भेज दिया गया। गुलनार से कहा गया कि अगर वह जुर्माना नहीं भर्ती है, तो उसे भी सुधार केंद्र में जाना होगा। गुलनार ने जगह-जगह से कर्जा उठाया लेकिन जब जुर्माने की पूरी रकम जमा नहीं कर पाईं, तो चीन छोड़ कर कजाकिस्तान चली गईं। उन्होंने बताया, "वे हम लोगों को बर्बाद कर देना चाहते हैं। लोगों को बच्चे पैदा करने से रोकना गलत है।"

Published: undefined

गर्भनिरोधन पर लाखों डॉलर खर्च

एपी को सरकारी दस्तावेजों में सिर्फ 2018 तक के ही आंकड़े मिले हैं। इनके अनुसार साल 2015 से 2018 के बीच होतान और काश्गर इलाकों में उईगर लोगों की जन्म दर 60 फीसदी गिरी है। कुछ सालों पहले तक शिनजियांग चीन का वह इलाका था, जहां जनसंख्या सबसे तेजी से बढ़ रही थी। इस बीच अब वह सबसे धीमी गति से जनसंख्या के बढ़ने वाला इलाका बन गया है। आंकड़े दिखाते हैं कि चीनी सरकार ने गर्भनिरोधन के लिए यहां लाखों डॉलर खर्चे हैं।

इस बारे में रिसर्च करने वाले चीन के एड्रियन जेंज ने एपी को बताया, "यह एक बड़े अभियान का हिस्सा है।" जेंज वॉशिंगटन में विक्टिम्स ऑफ कम्यूनिज्म मेमोरियल फाउंडेशन नाम के गैर लाभकारी संगठन में काम करते हैं। एपी ने जब इस बारे में चीन के विदेश मंत्रालय और शिनजियांग प्रांत की सरकार से जवाब मांगा, तो उनकी ओर से कोई प्रतिक्रया नहीं आई। हालांकि चीनी सरकार पहले कह चुकी है कि यह कदम इसलिए उठाए जा रहे हैं कि उईगर और अन्य अल्पसंख्यकों को हान लोगों के बराबर अधिकार मिल सके।

Published: undefined

बता दें कि चीन में कागजों पर तो उईगर और हान समुदायों को बराबर अधिकार प्राप्त हैं, लेकिन हान लोगों के साथ वह सब नहीं हो रहा है, जिसका सामना उईगर मुसलामानों को करना पड़ रहा है। न ही उनका जबरन गर्भपात किया जा रहा है, न शरीर में आईयूडी डाले जा रहे हैं और न ही ज्यादा बच्चे होने के जुर्म में उन्हें सुधार केंद्र में भेजा जा रहा है। कानूनी रूप से इन दोनों ही समुदायों को तीन बच्चों की अनुमति है, लेकिन एपी 15 ऐसे उईगर और कजाक मूल के मुसलामानों से मिला जिन्होंने ऐसे लोगों की जानकारी दी जिन्हें तीन बच्चे होने के कारण हिरासत में लिया गया। इनमें से कुछ लोगों को सालों, तो कुछ को दशकों के लिए जेल भी भेजा गया।

Published: undefined

जांच के दौरान अमानवीयता

डिटेंशन सेंटर में रह चुकीं एक महिला तुरसुनेय जियावुदुन ने बताया कि उनके शरीर में बार बार आईयूडी डाले गए। ऐसा तब तक किया गया, जब तक माहवारी पूरी तरह बंद नहीं हो गई। हर महीने उनकी जांच की जाती और इस जांच के दौरान उनके पेट पर लातें मारी जातीं। उन्होंने बताया कि अब उन्हें अक्सर दर्द उठता है और गर्भाशय से खून भी आता है। तुरसुनेय अब मां नहीं बन सकतीं।

उन्होंने बताया कि सुधार केंद्र में बाकी महिलाओं के साथ भी ऐसा ही बर्ताव किया जाता था और उनके "टीचर" उन्हें कहते थे कि अगर वे गर्भवती पाई गईं, तो उनका गर्भपात कर दिया जाएगा। एक उईगर महिला जुमरेत दावुत ने बताया कि उसे धमकाया गया कि अगर वह नसबंदी नहीं कराएगी तो उसे दोबारा सुधार केंद्र भेज दिया जाएगा। उन्होंने कहा, "मैं बहुत गुस्से में थी। मुझे एक और बेटा चाहिए था।"

Published: undefined

इस सब पर यूनिवर्सिटी ऑफ कॉलराडो में उईगर मामलों के जानकार डैरन बायलर का कहना है, "हो सकता है कि उनका इरादा उईगर आबादी को पूरी तरह खत्म करने का न हो, लेकिन इससे उन पर बड़ा असर जरूर पड़ेगा, जिससे उनका खात्मा आसान हो जाएगा।" वहीं ब्रिटेन की न्यूकासल यूनिवर्सिटी की जानकार जोएन स्मिथ फिनले का कहना है, "यह नरसंहार है। बस! यह एक जगह पर लोगों को खड़ा कर के मार देने वाला, फौरन हो जाने वाला, हैरान कर देने वाला नरसंहार नहीं है, बल्कि यह धीरे-धीरे किया जा रहा एक दर्दनाक नरसंहार है।"

Published: undefined

Google न्यूज़नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें

प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia

Published: undefined