प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को नए संसद भवन का भूमि पूजन और शिलान्यास किया। करीब 971 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले संसद का निर्माण अक्टूबर, 2022 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। नए संसद भवन में 2024 तक सभी सांसदों को 40-40 वर्गमीटर के ऑफिस भी उपलब्ध कराए जाएंगे। शहरी कार्य मंत्रालय और लोकसभा सचिवालय के अधिकारियों ने बताया कि नए संसद भवन के निर्माण से रोजगार भी उपलब्ध होगा। कुल 41 लाख मानव दिवस रोजगार का सृजन होगा। वहीं जीएसटी के जरिए सौ करोड़ का रेवेन्यू भी मिलेगा। जानिए नए संसद भवन की दस प्रमुख खासियतों के बारे में।
नए संसद भवन में सेंट्रल हाल नहीं होगा। अभी पुराने संसद भवन में कुल 436 लोगों की क्षमता वाला सेंट्रल हाल है। लोकसभा और राज्यसभा का संयुक्त सत्र इसी सेंट्रल हॉल में अब तक होता आया है। लेकिन कम क्षमता के कारण सेंट्रल हाल में ज्वाइंट सेशन के दौरान करीब दौ सौ कुर्सियां लगानी पड़ती हैं। जिससे सुरक्षा की चुनौती खड़ी होती है। ऐसे में अब नए संसद भवन में यह दिक्कत दूर होगी। नए संसद भवन में लोकसभा हॉल की डिजाइन कुछ ऐसी की जा रही है कि वहां पर संयुक्त सत्र आयोजन किया जा सकेगा। लोकसभा हॉल में 1272 लोग बैठ सकेंगे।
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नए संसद भवन की लोकसभा में पहले से कहीं ज्यादा 888 सांसदों के बैठने की व्यवस्था होगी। वर्तमान की लोकसभा में अधिकतम 552 सांसदों के ही बैठने की व्यवस्था है। इस प्रकार आने वाले वर्षो में जब सांसदों की संख्या बढ़ेगी तो दिक्कत नहीं होगी। नई लोकसभा वर्तमान की तीन गुनी होगी।
नए संसद भवन की राज्यसभा का भी आकार पहले से ज्यादा बड़ा होगा। वर्तमान राज्यसभा की क्षमता कुल 245 सीटों की है। नई राज्यसभा में 384 सीटों की व्यवस्था रहेगी। इस प्रकार भविष्य में राज्यसभा सांसदों की संख्या बढ़ने पर भी सदन में स्थान की कमी नहीं होगी।
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संसद की नई इमारत भूकंप के तीव्र झटके भी झेल सकेगी। पुरानी संसद भवन का जब निर्माण हुआ था तब दिल्ली जोन 2 में थी, लेकिन अब जोन 4 में होने के कारण एनसीआर में भूकंप का खतरा बढ़ गया है। ऐसे में नए संसद भवन को इस कदर मजबूत बनाया जाएगा कि वह जोन 5 में आने वाले तेज झटके भी झेल सके।
लोकसभा और राज्यसभा के सदन के स्ट्रक्च र की थीम अलग-अलग होगी। लोकसभा की थीम राष्ट्रीय पक्षी मोर(पीकॉक) होगा, तो राज्यसभा की थीम राष्ट्रीय फूल कमल होगा। राज्यसभा में कमल के फूल की झलक दिखेगी।
आजादी की 75 वीं वर्षगांठ पर वर्ष 2022 में देश को नए संसद भवन का तोहफा मिलेगा। इस भवन के इसलिए भी मायने हैं कि यह आजादी के बाद निर्मित पहला संसद भवन होगा। सदन में हर सांसद की सीट के आगे मल्टीमीडिया डिस्प्ले लगा होगा।
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नए संसद भवन में ग्रीन कंस्ट्रक्शन मैटेरियल का इस्तेमाल होगा। इको फ्रेंडली बिल्डिंग बनेगी। ऐसे उपकरण लगेंगे, जिससे 30 प्रतिशत बिजली की बचत होगी। रेन वाटर हार्वेस्टिंग और सोलर पॉवर जनरेशन की भी व्यवस्था होगी। सदनों में पहले से ज्यादा आरामदायक सीट होंगी। कुल 64,500 वर्गमीटर क्षेत्र में नए संसद भवन का निर्माण टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड कराएगा। भवन की डिजाइन एचसीपी डिजाइन प्लानिंग एंड मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड की है।
नए संसद भवन में कमेटी रूम की संख्या कहीं अधिक होगी। हर कमेटी रूम में आधुनिकतम ऑडियो-विजुअल सिस्टम उपलब्ध होंगे। जिससे संसदीय समितियों के कामकाज में आसानी होगी।
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नए संसद भवन में मीडिया के लिए भी खास सुविधाएं होंगी। मीडिया के लिए कुल 530 सीटों की व्यवस्था होगी। संसदीय कार्यवाही देखने के लिए आम जनता के लिए भी दोनों सदनों में गैलरी होगी। हर सीट से सदन का स्पष्ट नजारा दिखेगा।
नए संसद भवन को जनता का संसद भवन बनाने की तैयारी है। बच्चों, बुजुर्ग और दिव्यांगजन की एंट्री आसान होगी। आम जनता के लिए दो खास एंट्रेंस प्वाइंट होंगे। जिससे वे पब्लिक गैलरी, सेंट्रल कांस्टीट्यूशनल गैलरी तक पहुंच सकेंगे। फायर सेफ्टी की उचित व्यवस्था पहले वाले भवन में नहीं थी। अब नए भवन में फायर सेफ्टी की उचित व्यवस्था होगी।
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