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नए श्रमिक कानून से खत्म हो जाएंगी 40 लाख से ज्यादा नौकरियां, बढ़ेगी आर्थिक गुलामी: कांग्रेस

केंद्र सरकार के नए श्रमिक कानून से करीब 40 लाख नौकरियां खत्म हो जाएंगी और आर्थिक गुलामी की स्थिति बन जाएगी। यह आरोप लगाते हुए कांग्रेस ने कहा है कि “मोदी सरकार मजदूरों और कामकाजी लोगों के दमन” को बढ़ावा दे रही है।

प्रतीकात्मक फोटो : Getty Images
प्रतीकात्मक फोटो : Getty Images 

मोदी सरकार के नए मजदूर कानून को लेकर कांग्रेस ने गंभीर आरोप लगाए हैं। कांग्रेस ने कहा है कि इस कानून में बदलाव कर मोदी सरकार मजदूर और कामकाजी तबके के शोषण के लिए नई तरह की गुलामी को बढ़ावा दे रही है। कांग्रेस का कहना है कि इस नए श्रमिक विरोधी कानून से आर्थिक गुलामी की स्थिति बन जाएगी। कांग्रेस ने आशंका जताई है कि इस कानून से संगठित क्षेत्र में 41 लाख नौकरियां खत्म हो जाएंगी।

कांग्रेस के महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने सोमवार को कहा कि “भारत में गुलामी प्रथा एक सदी पहले खत्म हो चुकी है, लेकिन मोदी सरकार ने अपने पूंजीपति मित्रों को फायदा पहुंचाने के लिए ‘पेशेवर सुरक्षा, स्वास्थ्य व काम करने की स्थिति संहिता- 2020’ के जरिए ‘आर्थिक गुलामी’ की व्यवस्था कर दी है। उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार ने शोषण रोकने की बजाय मजदूरों और उत्पादन कार्य में लगे कामकाजी तबके के दमन की खुली छूट दे दी है।

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सुरजेवाला ने कहा कि नए नियमों के अंतर्गत फैक्टरी में काम करने वाले मजदूरों के लिए 12 घंटे की शिफ्ट का प्रावधान किया जा रहा है, जिससे उनके पास फैक्ट्री आने के लिए घंटों तक का सफर करने, आराम करने, घर के काम करने या फिर परिवार को देने के लिए समय ही नहीं बचेगा और उनके काम और जीवन का संतुलन बिगड़ जाएगा। इससे भारत में मजदूर एवं कर्मचारी वर्ग की शारीरिक एवं मानसिक सेहत पर बुरा असर पड़ेगा।

कांग्रेस नेता ने कहा कि, “इस नियम के लागू होने के बाद फैक्टरियों में काम करने वाले एक तिहाई कर्मचारियों के पास कोई काम नहीं बचेगा और वो बेरोजगार हो जाएंगे, क्योंकि उद्योग मौजूदा ‘तीन शिफ्ट’ के बजाए सिर्फ ‘दो शिफ्ट’ में काम करने की व्यवस्था लागू कर देंगे।“ उन्होंने आंकड़े देते हुए कहा कि, “2017-18 में किए गए उद्योगों के वार्षिक सर्वे के अनुसार, भारत में अकेले संगठित क्षेत्र में लगभग 1.22 करोड़ कर्मचारी फैक्ट्रियों में काम कर रहे थे, लेकिन अब बीजेपी सरकार द्वारा नए नियमों के तहत काम के घंटे बढ़ा दिए जाने के बाद एक तिहाई यानी 40 लाख से ज्यादा कर्मचारी फौरन बेरोजगार हो जाएंगे।“

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सुरजेवाला ने कहा कि बीजेपी सरकार ने अपवादों की लंबी सूची प्रस्तावित की है। इसमें उद्योग मालिक कर्मचारियों को प्रतिदिन 12 घंटे से भी ज्यादा काम करने को मजबूर कर सकता है। ये अपवाद भारत में नई तरह की गुलामी प्रथा को शुरू करने के यंत्र हैं, क्योंकि इनके लागू होने के बाद फैक्टरी और मिल मालिक गरीब और कमजोर तबके का शोषण करने के लिए आजाद होंगे। उन्होंने कहा कि, “बिना योजना के लॉकडाउन लागू कर हजारों मजदूरों की मौत की जिम्मेदार बीजेपी की गरीब-विरोधी मानसिकता उजागर हो गई है।“ सुरजेवाला ने कहा कि बीजेपी सरकार ने इस कानून के जरिए आधुनिक भारत के निर्माताओं यानी प्रवासी मजदूरों का अपमान किया है और नए नियमों में उनके अस्तित्व के रिकॉर्ड के प्रावधान को समाप्त कर दिया है।“

कांग्रेस ने कहा कि, “सरकार संसद में इस सवाल के जवाब में कि पीड़ितों के परिवारों को कोई भी मुआवज़ा याआर्थिक सहायता दी है?’ तो कहा कि सरकार के पास ऐसा कोई डेटा उपलब्ध नहीं है।“

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