हालात

हेवी इंजीनियरिंग कॉरपोरेशन पर अब नया संकट, 70 से ज्यादा इंजीनियरों और अफसरों ने नौकरी छोड़ी

कंपनी ने भारी उद्योग मंत्रालय से एक हजार करोड़ रुपए का वर्किंग कैपिटल उपलब्ध कराने की कई बार गुहार लगाई है, लेकिन मंत्रालय ने साफ कहा दिया है कि केंद्र सरकार कारखाने को किसी तरह की मदद नहीं कर सकती। कंपनी प्रबंधन को खुद अपने पैरों पर खड़ा होना होगा।

फोटोः IANS
फोटोः IANS 

मदर ऑफ ऑल इंडस्ट्रीज के रूप में मशहूर रांची स्थित सार्वजनिक उपक्रम हेवी इंजीनियरिंग कॉरपोरेशन (एचईसी) पर अब नया संकट आ गया है। कमजोर माली हालत के बीच पिछले एक साल में पचास से ज्यादा इंजीनियरों और डेढ़ दर्जन से ज्यादा अफसरों-कामगारों ने नौकरी छोड़ दी है। कंपनी के कई कामगार अब रोजी-रोटी के लिए चाय-पकौड़े की दुकान चलाकर या छोटा-मोटा धंधा कर परिवार चला रहे हैं।

Published: undefined

कंपनी के तमाम अफसरों और कर्मियों का 12 से 15 पंद्रह महीने तक का वेतन बकाया है। करीब 300 से ज्यादा कर्मियों ने कंपनी छोड़कर अन्यत्र नौकरी के लिए आवेदन की इजाजत मांगी है। हालांकि कंपनी ने महीनों बाद सोमवार को अफसरों और कर्मियों को दो माह के बकाया वेतन का एकमुश्त भुगतान किया है। एचईसी के पास वर्क ऑर्डर की कमी नहीं है, लेकिन वर्किंग कैपिटल की कमी के चलते समय पर काम पूरा नहीं हो पा रहा है और इस वजह से कंपनी लगातार घाटे में डूबती जा रही है।

Published: undefined

एचईसी ऑफिसर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रेम शंकर पासवान की मानें तो कंपनी में कच्चे माल की सप्लाई और वकिर्ंग कैपिटल जुटाने के लिए प्रबंधन की ओर से प्रयास किए जा रहे हैं। प्रबंधन ने चालू वित्तीय वर्ष के लिए 300 करोड़ के वर्क ऑर्डर को पूरा करने का लक्ष्य तय किया है। एक अधिकारी ने जानकारी दी कि एचइसी के प्लांटों में कई ऐसे उपकरण हैं, जो 80 प्रतिशत तक बने हुए हैं। आर्थिक संकट दूर होते ही इनकी आपूर्ति की जा सकेगी।

Published: undefined

एचईसी ने भारी उद्योग मंत्रालय से एक हजार करोड़ रुपए का वर्किंग कैपिटल उपलब्ध कराने के लिए कई बार गुहार लगाई है, लेकिन मंत्रालय ने पहले ही साफ कर दिया था कि केंद्र सरकार कारखाने को किसी तरह की मदद नहीं कर सकती। कंपनी प्रबंधन को खुद अपने पैरों पर खड़ा होना होगा।

करीब 22 हजार कर्मचारियों के साथ 1963 में शुरू हुई इस कंपनी में अब सिर्फ 3400 कर्मचारी-अधिकारी हैं। कर्ज और बोझ इस कदर है कि इनका तनख्वाह देने में भी कंपनी पूरी तरह सक्षम नहीं है। ऐसे में हर महीने पांच से छह इंजीनियर कंपनी छोड़ रहे हैं। एचईसी में पिछले दो साल से स्थायी सीएमडी तक की नियुक्ति नहीं हुई है।

Published: undefined

Google न्यूज़नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें

प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia

Published: undefined

  • छत्तीसगढ़: मेहनत हमने की और पीठ ये थपथपा रहे हैं, पूर्व सीएम भूपेश बघेल का सरकार पर निशाना

  • ,
  • महाकुम्भ में टेंट में हीटर, ब्लोवर और इमर्सन रॉड के उपयोग पर लगा पूर्ण प्रतिबंध, सुरक्षित बनाने के लिए फैसला

  • ,
  • बड़ी खबर LIVE: राहुल गांधी ने मोदी-अडानी संबंध पर फिर हमला किया, कहा- यह भ्रष्टाचार का बेहद खतरनाक खेल

  • ,
  • विधानसभा चुनाव के नतीजों से पहले कांग्रेस ने महाराष्ट्र और झारखंड में नियुक्त किए पर्यवेक्षक, किसको मिली जिम्मेदारी?

  • ,
  • दुनियाः लेबनान में इजरायली हवाई हमलों में 47 की मौत, 22 घायल और ट्रंप ने पाम बॉन्डी को अटॉर्नी जनरल नामित किया