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IC-814 वेब सीरीज में बदला डिस्क्लेमर, अब शुरु में ही दिखेंगे अपहरणकर्ताओं भोला, शंकर और चीफ के असली नाम

कंधार हाईजैक पर बनी वेब सीरीज आईसी 814 पर विवाद के बाद ओटीटी प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स ने सीरीज के शुरुआती डिस्क्लेमर में बदलाव का ऐलान किया है। नेटफ्लिक्स ने कहा है कि शुरु में ही अपहरणकर्ताओं के असली नाम और कोड नेम दिए जाएंगे।

वेब सीरीज का पो्स्टर
वेब सीरीज का पो्स्टर 

ओटीटी प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स ने ऐलान किया है कि उसने हाल में रिलीज हुई वेब सीरीज IC 814- द कंधार हाईजैक में मंगलवार, 3 सितंबर को बदलाव कर दिए है। अब सीरीज के ओपनिंग डिस्क्लेमर में ही हाईजैकर्स के असली नाम और कोड नाम दिखाए जाएंगे।

बता दें कि IC 814- द कंधार हाईजैक में आतंकवादियों के हिंदू कोड नामों पर विवाद शुरु हो गया था और सीरीज पर पाबंदी लगाने की भी मांग उठने लगी थी। विवाद को देखते हुए केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने नेटफ्लिक्स को नोटिस भेजकर सफाई मांगी थी जिसके बादनेटफ्लिक्स की इंडिया कंटेंट हेड मोनिका शेरगिल मंत्रालय गई थीं।

दरअसल सीरीज में काठमांडु से दिल्ली के लिए चली इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट को हाईजैक करने वाले आतंकवादी, पूरी घटना के दौरान अपने असली नामों के बजाए कोड नेम का इस्तेमाल कर रहे थे जो कि बर्गर, चीफ, शंकर और भोला थे। हालांकि सीरीज में बाद में इनके असली नामों को बताया गया था लेकिन सोशल मीडिया पर इन नामों को लेकर आपत्ति जताई जा रही थी। आरोप लगा कि सीरीज में आतंकवादियों के असली नाम और उनकी पहचान छिपाने की कोशिश की गई है।

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नेटफ्लिक्स ने इस बाबत जारी एक अधिकारिक बयान में कहै कि अब 'हम दर्शकों के लिए सीरीज के ओपनिंग डिस्क्लेमर में हाईजैकर्स के रियल और कोड नेम को शामिल करेंगे। अभी सीरीज में कोड नेम असली घटना के दौरान इस्तेमाल किए गए नाम ही हैं। हम हर कहानी का ओरिजिनल रिप्रेजेंटेशन करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।'

गौरतलब है कि विवाद बढ़ने पर सूत्रों के हवाले से सूचना प्रसारण मंत्रालय का बयान आया था जिसमें कहा गया था कि, 'किसी को भी देश के लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का हक नहीं है। भारत की संस्कृति और सभ्यता का सम्मान हमेशा सर्वोपरि है। किसी भी चीज को गलत तरीके से दिखाने से पहले सोचना चाहिए।'

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इस वेब सीरीज में 24 दिसंबर 1999 हुई विमान अपहरण की असली कहानी दिखाई गई है। सीरीज उस अपहरण पर आधारित जिसमें पाकिस्तान के पांच आतंकवादियों ने नेपाल के काठमांडु से दिल्ली के लिए चली इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट आईसी 814 का अपहरण कर लिया था। अपहरण के समय विमान में चालक दल और यात्रियों समें 189 लोग सवार थे।

अपहरण के बाद पहले यह विमान पंजाब के अमृतसर में उतरा था लेकिन वहां इसे ईंधन नहीं दिया गया, जिसके बाद इसे पाकिस्तान के लाहौर हवाई अड्डे पर उतारा गया। वहां से ईंधन लेने के बाद अपहरणकर्ता विमान को अफगानिस्तान के कंधार ले जाना चाहते थे लेकिन रात होने और कंधार में नाइट लैंडिंग की सुविधा न होने के कारण इसे दुबई ले जाया गया। दुबई में अपहरणकर्ताओं ने कुछ महिलाओं और बच्चों को विमान से उतार दिया था। इसके बाद विमान कंधार गया जहां एक सप्ताह तक चले नाटकीय घटनाक्रमों के बाद 31 दिसंबर 1999 को विमान को अपहर्ताओं से छुड़ाया गया।

भारत सरकार को इसके बदले तीन खूंखार आतंकवादियों को रिहा करना पड़ा था जिनमें मौलाना मसूद अजहर, उमर शेख और मुशताक जरगर शामिल था। इन तीनों आतंकवादियों ने बाद के वर्षों में भारत पर संसद हमला, पुलवामा हमला और मुंबई हमले जैसी घटनाओं को अंजाम दिया।

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