दिल्ली स्थित इंडिया गेट पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की भव्य प्रतिमा लगाए जाने के ऐलान के बाद हर कोई खुश है। नेताजी के परिवार के सदस्यों ने भी प्रतिमा लगाए जाने का स्वागत किया है। हालांकि, नेताजी के पोते चंद्र कुमार बोस ने सरकार के फैसले का स्वागत करते हुए वर्तमान में सभी राजनीतिक पार्टियों से बटवारे की राजनीति छोड़ नेताजी की विचारधारा पर चलने और सबको जोड़े रखने की गुजारिश की है।
चंद्र कुमार बोस के मुताबिक, "सरकार को प्रतिमा से आगे बढ़ उनकी विचारधारा को अपनाने पर भी सोचना होगा, क्योंकि नेताजी एकता में यकीन रखते थे, लेकिन देश के 75 साल होने के बाद भी हमारी यूनिटी पर सवाल उठ रहा है। देश में अब जितने सांप्रदायिक विभाजन हो रहे हैं, यह 1947 बटवारे का कारण हैं। हमें अपने बचे हुए भारत की रक्षा करनी है तो उसका एक मात्र रास्ता नेताजी का आदर्श और उनकी विचारधारा को अपनाना है।"
Published: 23 Jan 2022, 4:28 PM IST
उन्होंने आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि, नेताजी के आदर्शों को राष्ट्रीय राजनीति में इस्तेमाल करना का समय आ गया है। यदि नहीं करेंगे तो विभाजन फिर से हो जाएगा और हम 1947 फिर से नहीं देखना चाहते हैं।
वर्तमान से प्रतिमा से आगे बढ़कर नेताजी की विचारधारा पर सरकार को क्या करना चाहिए, वहीं क्या राजनेताओं को उनकी विचारधारा पर चलना चाहिए ? इस सवाल के जवाब में बोस ने बताया कि, आम इंसान विभाजन नहीं चाहते हैं, सभी समाज एक साथ रहना चाहते हैं। सभी राजनीतिक पार्टियों से गुजारिश करता हूं कि बंटवारे की राजनीति छोड़ नेता जी की विचारधारा पर चलें और सबको जोड़े रखें। वरना आगामी 50 से 100 सालों में फिर से बटवारा हो जाएगा और आगामी पीढ़ी अखंड भारत को नहीं देख सकेगा।
उन्होंने कहा, हमें विभाजन और सांप्रदायिक राजनीति बंद करनी चाहिए, क्योंकि ऐसे सिर्फ चुनाव जीता जा सकता है लेकिन राष्ट्र को खो देंगे। जब राष्ट्र नहीं रहेगा तो चुनाव जीतने का फायदा क्या होगा ?
Published: 23 Jan 2022, 4:28 PM IST
जब पूछा गया कि आपको ऐसा लगता है 50-100 सालों में देश का बंटवारा हो जाएगा ? इस सवाल पर उन्होंने कहा कि, हां, बंगाल, नार्थ ईस्ट, केरल और तमिल नाडु अलग हो जाएगा फिर आप सिर्फ उत्तरप्रदेश लेकर रहिए। ब्रिटिश जो डिवाइड एंड रूल छोड़ कर गए, वो अभी भी चल रहा है। वर्तमान में भी केंद्र-राज्य सरकारें डिवाइड एंड रूल पॉलिसी में चल रहे हैं। उत्तरप्रदेश में जो चुनाव होना है वह जातिवाद पर हो रहा है, लेकिन नेताजी जातिवाद को समाप्त किया, जातिवाद होना ही नहीं चाहिए, हर कोई एक है।
वर्तमान सरकार पर सवाल उठा रहे हैं ? आप भी बीजेपी में शामिल हुए हैं। इस पर बोस ने कहा कि, हां हम पार्टी में रहे और हम भाजपा की यह राजनीति बिल्कुल पसंद नहीं करते। मेरी विचारधारा नेताजी वाली है और मैं उसके साथ किसी पार्टी के लिए समझौता नहीं करता। मैं भाजपा में शामिल हुआ क्योंकि मुझसे बोला गया कि नेताजी की विचारधारा को सब जगह फैलाएंगे लेकिन यह अभी तक नहीं हो सका है। यदि मुझसे बोलेंगे की ऐसा नहीं होगा तो मैं तुरन्त भाजपा छोड़ दूंगा।
Published: 23 Jan 2022, 4:28 PM IST
उन्होंने नेताजी की प्रतिमा लगाए जाने पर कहा कि, इसपर हमने सरकार को एक प्रस्ताव भी भेजा था वहीं आर्मी वेटरन मेजर जनरल गगनदीप बक्शी जी व उनके साथ अन्य आर्मी वेटरन ने सिग्नेचर कैम्पेन भी चलाया था। इसको लेकर 85 सदस्यों की एक हाई लेवल कमेटी का गठन भी किया गया है, जिसकी अध्यक्षता खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी कर रहे हैं। उसमें नेता जी के परिवार के चार सदस्यों को भी शामिल किया गया है।
उन्होंने कहा, मैं खुद इस कमेटी का सदस्य हूं और हमने प्रस्ताव दिया था कि इंडिया गेट के सामने एक मूर्ति स्थापित करते हैं तो एक अच्छा संदेश जाएगा।
नेताजी की प्रतिमा अब स्थापित हो रही है क्या इसे पहले होना चाहिए था ? इसपर बोस ने कहा, अब तक शायद किसी पार्टी को मौका नहीं मिला या ऐसा हो सकता है कि नहीं करना चाहते होंगे। देश की जनता के दिल मे नेताजी बसे हुए हैं। साउथ में एक जगह नेताजी की मंदिर में पूजा किया जाता है। राजनीतिक पार्टियों को नेताजी की विचारधारा को रखना है और देश की रक्षा करना है।
Published: 23 Jan 2022, 4:28 PM IST
नेताजी सुभाष चंद्र बोस की रहस्यमय मृत्यु पर से जल्द पर्दा उठाए जाने को लेकर उनके पोते चंद्र कुमार बोस ने सरकार से एक स्पेशल कमेटी का गठन करने की अपील की है जो इसपर जांच करे। उनके मुताबिक, आईबी की 77 फाइलों, उनकी अस्थियों का डीएनए करवा करके और जापान से तीन बची हुई दस्तावेज मंगा कर इस रहस्य को सुलझाया जा सकता है।
चंद्र कुमार बोस ने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में इसपर कोशिश की गई लेकिन अभी भी कुछ स्पष्ट नहीं है। नेताजी के बारे में 77 आईबी फाइल्स है। जस्टिस मुखर्जी कमीशन में इसका उल्लेख हुआ है, लेकिन इन फाइलों में क्या है ? वो डिक्लासिफाइड हुआ या नहीं, यह सवाल बना हुआ है।
Published: 23 Jan 2022, 4:28 PM IST
उन्होंने कहा, इसपर नेता जी की बेटी अनिता बोस द्वारा एक साल पहले चिट्ठी भी भेजी गई, वहीं हम बाद में भी याद दिलाने का प्रयास कर चुके हैं। ऐसा बोला जाता है कि नेता जी की अस्थियों को एक मंदिर में रखा गया है। उन अस्थियों का डीएनए संभव हो तो करना चाहिए।
उन्होनें आगे कहा कि, जापान के पास पांच फाइल्स है, 2016 में सुषमा जी ने हस्तक्षेप के बाद उसमें से दो फाइल्स सार्वजनिक किया गया उसमें सिर्फ तस्वीरें है लेकिन दस्तावेज नहीं है जिससे सच्चाई का पता चल सके। वहीं तीन फाइल अभी तक नहीं दिया गया है उनमें क्या है ? तो इनपर काम करना चाहिए और रहस्य सुलझना चाहिए।
सरकार को कदम उठाते हुए इसमें एक स्पेशक कमेटी का गठन करना चाहिए जो इनसब चीजों पर जांच करे और सबूतों के आधार पर एक अपना आधिकारिक बयान जारी कर देश की जनता के सामने चाहिए।
Published: 23 Jan 2022, 4:28 PM IST
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Published: 23 Jan 2022, 4:28 PM IST