देश में कोरोना वैक्सीन की कमी को लेकर चर्चा गरम है वहीं, मध्य प्रदेश में कोविशील्ड वैक्सीन की 10 हजार डोज (एक हजार वायल) के गायब होने का मामला सामने आया है। हैरान करने वाली बात यह है कि टीके की डोज जबलपुर के जिस मैक्स हेल्थ केयर अस्पताल के नाम खरीदी गई थी, वह असल में है ही नहीं। अमर उजाला की खबर के मुताबिक जिले के टीकाकरण अधिकारी को भी इस नाम के अस्पताल के बारे में कुछ पता नहीं है। अस्पताल के बारे में पता लगाने की कोशिश भी की गई लेकिन कुछ हासिल नहीं हुआ। ऐसे में अब सवाल उठ रहे हैं कि आखिर कोवीशील्ड की खरीदी किसने की और वैक्सीन अभी कहां है?
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गौरतलब है कि मध्यप्रदेश में अब तक छह निजी अस्पतालों ने सीरम इंस्टीट्यूट से सीधे कोविशील्ड खरीदा है। इसमें जबलपुर, भोपाल और ग्वालियर की एक-एक तो इंदौर की तीन निजी अस्पताल शामिल हैं। प्रदेश के सभी 6 निजी अस्पतालों ने कुल 43 हजार डोज खरीदी है। इसमें जबलपुर के नाम से मैक्स हेल्थ केयर इंस्टीट्यूट ने 10 हजार डोज खरीदा है।
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दरअसल जिला टीकाकरण अधिकारी डॉक्टर शत्रुघ्न दाहिया को वैक्सीनेशन एप पर दो दिन पहले एक मैसेज आया। इसमें जबलपुर के मैक्स हेल्थ केयर इंस्टीट्यूट को 10 हजार डोज आवंटित करने की जानकारी थी। जिला टीकाकरण अधिकारी को इस मैसेज से हैरानी हुई, क्योंकि ऐसे किसी अस्पताल का नाम जिले में उन्होंने नहीं सुना था। इसके बाद दो दिन सीएमएचओ के माध्यम से इस अस्पताल के बारे जबलपुर में रिकॉर्ड आदि को तलाशा गया। लेकिन रिकॉर्ड में भी इस नाम का अस्पताल नहीं मिला। इसकी सूचना भोपाल के अधिकारियों को भी दी गई है।
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जिला टीकाकरण अधिकारी ने इसकी जांच करने के निर्देश दिए हैं। उनका कहना है कि ये पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि कहीं किसी निजी अस्पताल या फिर किसी शरारती तत्व ने ऐसा कुछ किसी साजिश के तहत तो नहीं किया है। वैक्सीन के दुरुपयोग या डंप किए जाने की आशंका पर अफसरों को अलर्ट रहने के लिए कहा गया है। इसके साथ ही सीरम संस्थान से भी इस अस्पताल के बारे में ब्यौरा मांगा गया है।
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