सीबीआई द्वारा NEET-UG पेपर लीक मामले की जांच जारी है। इस बीच सीबीआई की टीम ने बड़ी कार्रवाई की है। एजेंसी ने इस मामले के मास्टरमाइंड और 2 एमबीबीएस छात्रों को गिरफ्तार किया है। दोनों ही भरतपुर मेडिकल कॉलेज के छात्र हैं। बताया जा रहा है कि एमबीबीएस के यह दोनों छात्र सॉल्वर के रूप में काम करते थे। इनकी पहचान कुमार मंगलम बिश्नोई और दीपेंद्र कुमार के रूप में हुई है।
अधिकारियों के मुताबिक, तकनीकी निगरानी ने नीट-यूजी परीक्षा के दिन हजारीबाग में सेकेंड ईयर के एमबीबीएस छात्र मंगलम बिश्नोई और फर्स्ट ईयर के मेडिकल छात्र दीपेंद्र कुमार शर्मा की मौजूदगी की पुष्टि की है। यह दोनों कथित तौर पर पंकज कुमार नाम के इंजीनियर की ओर से चुराए गए पेपर के लिए सॉल्वर के रूप में काम कर रहे थे, जिसे पहले ही अरेस्ट किया जा चुका है।
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आरोप है कि इंजीनियर पंकज कुमार ने हजारीबाग में एनटीए ट्रंक से नीट-यूजी पेपर चुराया था। पंकज नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी जमशेदपुर (झारखंड) के 2017 बैच का सिविल इंजीनियर है। एनआईटी, जमशेदपुर से बी.टेक (इलेक्ट्रिकल) पासआउट शशिकांत पासवान उर्फ शशि उर्फ पासु इस खेल में पंकज कुमार और रॉकी के साथ मिलकर काम करता था, जिसे पहले ही अरेस्ट किया गया था।
इससे पहले 19 जुलाई को सीबीआई ने रांची के राजेंद्र इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (RIMS) की एमबीबीएस फर्स्ट ईयर की छात्रा सुरभि कुमारी को कथित तौर पर सॉल्वर मॉड्यूल का हिस्सा होने के आरोप में अरेस्ट किया गया था।
उधर, सुप्रीम कोर्ट में पेपर लीक समेत मेडिकल प्रवेश परीक्षा के संचालन में कथित अनियमितताओं को लेकर सुनवाई भी चल रही है। इस साल परीक्षा 5 मई को 571 शहरों में 4,750 एग्जाम सेंटर्स पर थी, जिसमें 14 विदेशी शहर भी शामिल थे। परीक्षा में 23 लाख से ज्यादा छात्रों ने हिस्सा लिया था। NEET-UG का आयोजन NTA की ओर से सरकारी और निजी संस्थानों में MBBS, BDS, आयुष और अन्य संबंधित पाठ्यक्रमों में एडमिशन के लिए किया जाता है।
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