लोकसभा चुनावों में यूपी में मिली करारी हार के बाद बीजेपी जहां अभी हार के कारणों की ठीक से समीक्षा भी नहीं कर पाई है, इसी बीच उसकी राह में नए नए कांटे बिछते जा रहे हैं। NEET परीक्षा में पर्चा लीक और बड़े पैमाने पर हुई धांधली सामने आने के बाद इसकी छींटे जब सूबे की राजनीति पर पड़ीं तो बीजेपी के साथ ही उसके घटक दल, खासकर सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर की मुश्किलें खासी बढ़ गई हैं।
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कहां तो ओपी राजभर सोचकर बैठे थे कि खुद योगी कैबिनेट में मज़बूत सीट लेकर बेटे को भी लखनऊ से दिल्ली तक कहीं बढ़िया ठिकाना पकड़ा देंगे, लेकिन अब तो खुद उनकी कुर्सी के पाए हिलने लगे हैं। खबर है कि जिन केंद्रीय मंत्री अमित शाह की क़रीबी के कारण उन्हें योगी आदित्यनाथ की असहमति के बावजूद उनके मंत्रिमंडल में अल्प संख्यक कल्याण मंत्री की कुर्सी मिली थी, अब ख़तरे में पड़ सकती है।
इस मामले के तार नीट पर्चा लीक प्रकरण से इस कदर गहरे जुड़ते दिखाई दे रहे हैं कि राजभर के लिए कुर्सी बचाना मुश्किल हो गया है। दरअसल पेपर लीक कांड में वायरल हुए वीडियो के बाद राजभर की ही पार्टी सुभासपा के विधायक बेदी राम का नाम जिस तरह इस प्रकरण में उछला उसके बाद चारो तरफ से बीजेपी पर हमले शुरू हो गए हैं। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने जिस तरह बेदी राम को लेकर बीजेपी को घेरा और विधायक की गिरफ़्तारी की मांग कर दी उसके बाद पहले तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को ओपी राजभर को तलब किया और अब आज केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी तलब कर लिया। माना जा रहा है कि सूबे की दस विधान सभा सीटों पर आसन्न उपचुनावों की आहट और इसमें दिखती समाजवादी पार्टी की मज़बूती के बीच इस नई मुसीबत ने बीजेपी नेतृत्व की नींद उड़ा दी है। राजभर शुक्रवार सुबह-सुबह दिल्ली पहुंचे और अमित शाह से उनके दफ़तर में मुलाक़ात की।
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इधर, सूत्रों के हवाले से खबर है कि बेदीराम के वायरल वीडियो का संज्ञान लेकर गाजीपुर जिला पुलिस ने शुरू की जांच। फिलहाल वीडियो की सत्यता की जांच हो रही है। बताया जा रहा है कि इस वीडियो में कई विभागों में भर्ती कराने को लेकर चर्चा है। बता दें कि बेदीराम रेलवे के कर्मचारी रह चुके हैं। बेदीराम 2022 के चुनाव में गाजीपुर की जखनिया सीट से चुनाव जीत कर विधायक बने हैं। साथ ही बेदीराम पर पुलिस कार्यवाही को लेकर एक पत्र भी वायरल है। यह पत्र 2014 का है जिसमें आईजी एसटीएफ की तरफ से एसएसपी लखनऊ को पत्र लिखा गया है। इस पत्र में बेदीराम को पेपर लीक कराने वाले गिरोह का सरगना और नकल माफिया बताया गया है ।
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राजनीतिक जानकारों का मानना है कि ओपी राजभर के लिए बेदी राम का वीडियो गले की हड्डी बन गया है। इस वीडियो के साथ ही ओपी राजभर का भी एक पुराना वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें ओपी राजभर खुद बेदी राम को जुगाड़ से नौकरी दिलाने वाला बताते हुए कह रहे हैं कि अब तक लाखों चेलों को नौकरी दिला चुके हैं। यह वही वीडियो है जिसमें राजभर कहते हुए बताए जा रहे हैं कि फार्म भरने के बाद कॉल लेटर आए तो बेदी राम को कॉल कर लेना नौकरी का जुगाड़ हो जाएगा। चर्चा है कि यही वह कारण है जो बताता है कि बेदी राम की ‘पेपर लीक सेटिंग’ के बारे में ओपी राजभर को भी पहले से सबकुछ पता था। बेदी राम पहले भी कई बार पेपर लीक में जेल जा चुके थे।
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माना जा रहा है कि ओपी राजभर अब खासी मुश्किल में हैं। अगर बेदी राम पर कार्रवाई हुई तो उन पर भी विपक्ष इस्तीफा देने या सरकार से कार्रवाई के लिए दबाव बनाएगा। कहा जा रहा है कि गुरुवार को सीएम योगी से ओपी राजभर की मुलाकात और आज शुक्रवार की अमित शाह से मुलाक़ात इसी प्रकरण का हिस्सा है।
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